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डाउनलोड करेंचंदौली के नक्सल प्रभावित चकिया तहसील में प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जा रहे हैं। शौचालय योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले सामने आए थे। जिला अधिकारी संजीव सिंह द्वारा जांच भी बैठाई गई थी। मामले में घोटाले मिलने पर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने पूरे मामले से शासन को अवगत कराया था। प्रथम दृष्टया शासन ने दोषी मानते हुए चकिया की खंड विकास अधिकारी (BDO) सरिता सिंह को निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है।
दरसअल, लंबे समय तक चकिया ब्लाक की बीडीओ रहीं सरिता सिंह ने कार्यालय के चार कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर आवास योजनाओं में 24 लाख रुपये से अधिक का गबन किया था। उप सचिव ने सरिता सिंह समेत चकिया बीडीओ कार्यालय के चार कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। शासन की कार्रवाई से भ्रष्ट कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।
दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी मजदूरी की धनराशि
सरिता सिंह काफी समय तक बतौर खंड विकास अधिकारी चकिया में तैनात रहीं। आरोप हैं कि इन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना में मनरेगा गाइड लाइन का पालन नहीं करते हुए मजदूरी की धनराशि को दूसरे खातों में ट्रांसफर करा दिया। इस कार्य में कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर शहनवाज अहमद, लेखाकार राजकुमार और अंजनी सोनकर व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने बखूबी सहयोग किया और 24 लाख 79 हजार 991 रुपये की धनराशि का गबन कर डाला।
जांच में शिकायतों की पुष्टि होने के बाद शासन ने सरिता सिंह को निलंबित करने के साथ ही आरोप पत्र जारी करने का निर्णय लिया है । निलंबन अवधि तक उन्हें कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है। बीडीओ सरिता सिंह सहित सभी चार कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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