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डाउनलोड करेंबुधवार की रात इंडस टॉवर कम्पनी के इंजीनियर(टेक्नीशियन) के अपहरण मामले का पुलिस ने 24 घण्टे में खुलासा कर दिया। पुलिस के खुलासे में अपहरणकर्ता कोई और नहीं बल्कि खुद दीपक के रूप में सामने आया। जिसने अपने ही अपहरण की साजिश रची थी। हालांकि घटना के पीछे टॉवर के तेल चोरी से होने वाले अवैध कमाई का बंटवारा बताया जा रहा है।
दरअसल बुधवार की देर शाम इंडस टॉवर कम्पनी में कार्यरत इजीनियर दीपक के साले एवं भाई द्वारा उनके अपहरण होने की सूचना कोतवाली मुगलसराय पर दी गई थी। साथ ही तहरीर में कुछ लोगों को नामजद करते हुए उनके अपहरण करने की तहरीर दी गई थी। जिसपर तत्काल कार्रवाई एवं अभियोग पंजीकृत करते हुए पुलिस आवश्यक विधिक कार्यवाही में जुट गई।
एसपी अमित कुमार ने 4 टीमें लगाई और 24 घंटे में ही इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से मामले का खुलासा कर दिया। वहीं इंजिनियर को मथुरा के एक होटल से सकुशल बरामद कर लिया गया है। एसपी अमित कुमार ने मथुरा पुलिस से संपर्क किया और मुगलसराय से पुलिस टीम रवाना किया। जिसने दीपक कुमार को अपने कस्टडी में ले लिया और मुगलसराय के लिए निकल चुकी है।
क्या मामला है ?
दरअसल बुधवार की रात मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के करवत इलाके से एक कार बरामद हुई। जिसमें दीपक सिंह जो इंडस टॉवर कंपनी में टेक्नीशियन के पद पर तैनात है ने अपने साले और परिजनों को सूचना दी कि काले रंग की स्कार्पियो गाड़ी उसके कार का पीछा कर रहा है। इस दौरान करवत गांव पहुंचने के बाद उसका संपर्क परिजनों से टूट गया। हालांकि उसने फोन पर परिजनों से अपने अपहरण की आशंका जताई थी। जैसे ही मामला पुलिस को पता चला हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार को अपने कब्जे में लिया और आसपास के लोगों से पूछताछ की गई और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। जिसमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे। दीपक सिंह मूल रूप से प्रयागराज जिले के हंडिया इलाके का निवासी है।
मोबाइल टॉवर में डीजल सप्लाई में हिस्सेदारी का था विवाद
मोबाइल टॉवर पर डीजल सप्लाई में एक बड़ा खेल होता है। जिसमें एक टॉवर से ही 1 से सवा लाख 1 महीने की आमदनी होती है। इसी को लेकर जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू और दीपक सिंह के बीच टकराव चल रहा था। कुछ दिन पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें भाजपा के जिला पंचायत सदस्य द्वारा दीपक सिंह को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी गई थी। क्योंकि डीजल के इस खेल में पहले ही भाजपा जिला पंचायत सदस्य के भाई की हत्या हो चुकी है और दीपक पहले डीजल सप्लाई का काम करता था। बाद में टेक्नीशियन पद पर नियुक्ति के बाद भी वह डीजल सप्लाई में कमाई का खेल में लगा हुआ था। इस काम में खतरे को देखते हुए दीपक सिंह ने अपने नाम से सरकारी असलहे का लाइसेंस कराकर पिस्टल भी ले लिया दिया था।
भाजपा जिला पंचायत सदस्य को फंसाने की थी साजिश
भाजपा जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू का पहले से ही आपराधिक इतिहास है। इसी का फायदा उठाते हुए दीपक सिंह ने अपने अपहरण की पूरी स्क्रिप्ट लिखी। इसके लिए उसने अपने परिजनों और साले को विश्वास में लिया। पहले वह बुधवार को मुगलसराय में अपने साले से मिला और जब वह अपनी कार से वाराणसी रवाना होने लगा तो अपने साले और अपने परिजनों को यह बात बताई कि काले रंग की स्कार्पियो उसके कार का पीछा कर रहा है और हो सकता है उसका अपहरण हो जाए। इससे पहले वह अपने परिजनों और साले को बता चुका था कि उसके साथ कोई घटना होगी तो उसका जिम्मेदार भाजपा जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह उर्फ बबलू सिंह होंगे। दीपक सिंह अपनी कार से करवत गांव पहुंचता है। वहां कार खड़ी करता है। फिर ऑटो से वाराणसी जाता है। इसके बाद वाराणसी से मथुरा जाने वाली बस में सवार हो जाता है। यही नहीं दीपक सिंह ने मथुरा में एक होटल में 1 महीने तक के लिए पहले से एक कमरा बुक कर रखा था।
मथुरा से लाया जा रहा है आरोपी दीपक
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार का कहना है कि दीपक सिंह के आने के बाद पूछताछ में और भी जानकारी सामने आ सकती है। इस खेल में मोबाइल टॉवर में डीजल सप्लाई का पूरा डीजल ये लोग गायब कर देते थे और चोरी की बिजली से कटिया मारी कर मोबाइल टॉवर चलाते थे। दीपक पहले से ही मोबाइल टॉवर के डीजल चोरी में लिप्त था। अब उसके कंट्रोल में महज 10 टॉवर ही रह गए थे और उन पर वह अपना एकाधिकार चाहता था।
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