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डाउनलोड करेंचंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें टीम के सदस्यों ने ट्रकों के चालकों और क्लीनरों को नशे की लत छोड़ने के बारे में जानकारी दी। साथ ही नशे के चलते होने वाली बीमारियों के लक्षण से भी अवगत कराया। लोगों ने कहा कि नशे के चलते एक साथ पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है। अगर नशे की लत को छोड़ दिया जाए तो व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के साथ ही अपने परिवार का आसानी से भरण-पोषण कर सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ युगल किशोर राय ने कहा कि नशीली दवाईयों के दुरुपयोग व सिगरेट, शराब, अफीम, चरस, गांजा, भांग, स्मैक आदि नशे की सेवन से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक नुकसान होता है। नशीली दवाएं देश के युवाओं को अंदर से खोखला कर रही हैं। इसके सेवन से हजारों जिंदगियां बर्बाद हो रही है, इसलिए हमें इन नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मनोचिकित्सक डॉ. नितेश सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष लगभग दो हज़ार नशे से ग्रसित रोगियों का उपचार एवं परामर्श दिया जा चुका है।
नशे के लती लोगों का उपचार कर स्वस्थ करना
अभियान का उद्देश्य लोगों में चेतना फैलाना है, ताकि युवाओं को नशे की लत से दूर करने व नशे के लती लोगों के उपचार कर स्वस्थ करना है। साइकोलोजिस्ट अजय कुमार ने बताया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से कई बीमारियां जन्म लेती है। अत्यधिक शराब, धूम्रपान, भांग और अन्य नशीली दवाओं के उपयोग से मानसिक व शारीरिक विकृति उत्पन्न होती है। इसमें कैंसर, किडनी रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि बीमारियाँ हो सकती है। युवाओं में इसका प्रभाव बढ़ती जा रहा है, जिसके कारण चिड़चिड़ापन, याददास्त कमजोर, अनिंद्रा की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
जिला अस्पताल के मन कक्ष में होगा उपचार
उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय के मन कक्ष में नशे की लत वाले रोगियों के उपचार की व्यवस्था है। जिसमे नि:शुल्क परामर्श, उपचार व अन्य किसी मानसिक रोग संन्धित समस्या का समाधान किया जाता है। इसके अलावा जिला अस्पताल के हेल्पलाइन नंबर - 7565802028 पर सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है।
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