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डाउनलोड करेंलापरवाही की इंतहा हो गई। पहले दो मासूम बच्चों की मौत दुर्घटना में हो गई। परिवार के लिए ये ही दुख पहाड़ सा था। फिर सिस्टम की लापरवाही ने दुख को और बढ़ा दिया। पोस्टमार्टम हाउस पर मासूम समद का शव आतिफ के परिवार को सौंप दिया गया। जिसको सुपुर्द-ए-खाक भी कर दिया गया। समद के परिवार तक आतिफ का शव पहुंचने के बाद पूरा मामला खुला।
गुरुवार सुबह समद के परिवार वालों ने हंगामा किया। पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद स्टाफ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं दिखा। कुछ देर में आतिफ के परिवार के लोग भी वहां आ गए। उन्होंने आतिफ के शव की शिनाख्त की। पुलिस भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया गया। पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ का कहना था कि बुधवार रात को दोनों शव आए थे। आतिफ के परिवार वालों ने रात में ही पोस्टमार्टम कराने का दबाव बनाया। जिसके बाद जल्दबाजी में ये गलती हुई। शव को लेने के दोनों किसी ने चेहरा भी नहीं देखा।
घर के बाहर खेलते बच्चे को कार ने कुचला
मोहल्ला फैसलाबाद निवासी आजाद ने बताया कि उसका बेटा आतिफ (2) बुधवार देर शाम घर के बाहर खेल रहा था। तभी एक कार ने उसे कुचल दिया। दुर्घटना में बच्चे का चेहरा बुरी तरह से खराब हो गया था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने कार चालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में सीएमओ डॉ. विनय कुमार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद टीम पुलिस को शव सौंपती है। लापरवाही किस स्तर पर हुई है, इसकी जानकारी की जा रही है।
आखिरी बार देख भी नहीं सके समद को
खुर्जा क्षेत्र की अलीगढ़ चुंगी पर बुधवार रात एक बस ने बाइक सवार एक पुरुष, महिला जन्नत और उसका ढाई साल का नाती समद को टक्कर मार दी। इस घटना में नानी और नाती की मौत हो गई। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया था। समद अपने परिवार में इकलौता बेटा था। उसके पिता की दो साल पहले बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। ऐसे में समद की मां और अन्य परिजन बच्चे को आखिरी बार देख भी नहीं पाए। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम हाउस में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं है।
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