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डाउनलोड करेंबिजनौर के चांदपुर निवासी एक 67 साल के रिटायर्ड शिक्षक ने इंटरमीडिएट की परीक्षा 74 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। वह डी फार्मा में डिप्लोमा लेना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने इंटरमीडिएट साइंस से कंप्लीट किया है । यह मामला बिजनौर जिले के तहसील चांदपुर के बास्टा गांव का है।
मास्टर नकी ने हाईस्कूल की परीक्षा साल 1972 में लगभग 17 वर्ष की उम्र में पास की थी। उसके बाद उन्होंने साल 1974 में आर्ट साइड से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की । इसके बाद उनके ऊपर घर की जिम्मेदारी आ गई और वह अपने कामकाज में लग गए । मास्टर मोहम्मद नकी पिछले काफी समय से गांव में ही एक हिकमत की छोटी से दुकान चला रहे हैं।
प्राकृतिक चिकित्सक बनने का जुनून
वह पिछले 4 साल से प्राकृतिक चिकित्सक बनने के लिए बांदा से एग्जाम दे रहे थे। उन्होंने DNYS का (इन नेचुरलपेथी योग एंड साइंस ) 4 साल में बांदा से डिप्लोमा किया है। उन्होंने कहा कि मैं जब डी फार्मा करना चाह रहा था तो उन्होंने मेरी आर्ट्स साइड की मार्कशीट को रिजेक्ट कर दिया। इसीलिए मैंने साइंस साइड से इंटरमीडिएट की परीक्षा दी है। जिससे मैं डी फार्मा का डिप्लोमा कर सकूं।
गांव के स्कूल में बच्चों को शिक्षा भी दी
मास्टर मोहम्मद नकी ने सन 1974 में ही आर्ट साइड से इंटरमीडिएटकी शिक्षा ग्रहण कर ली थी। जिसके चलते उन्होंने सन 1988 में नूर उल इस्लाम जूनियर हाई स्कूल में बच्चों को शिक्षा भी दी है। वह इस स्कूल में पहले क्लर्क के पद पर थे। बाद में उन्होंने अच्छे स्कूल में बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दी।
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