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डाउनलोड करेंभदोही जनपद में अब मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट एमडीआर टीबी रोगियों को इंजेक्शन के दर्द से मुक्ति मिल जाएगी। इंजेक्शन की जगह पर आल ओरल शार्टर रेजीमिन से इलाज होगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष कुमार चक ने दी। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जिले के एमडीआर टीबी रोगियों को अब इंजेक्शन की जगह आल ओरल शार्टर रेजीमिनसे इलाज की शुरुआत हुई है।
सीएमओ ने बताया कि इससे मरीजों को अब इंजेक्शन नही देना पड़ेगा और मरीजों का उपचार दवा से आसानी से किया जा सकेगा। इसके लिए जिले के 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इस माह के अन्त तक पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध करा दी जाएगी। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों प्रभारी चिकित्साधिकारियों समेत स्वास्थ्य कर्मियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है। इस सम्बन्ध मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्थित सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण भी विभाग के कर्मचारियों को दिया गया है।
5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दवाएं उपलब्ध
जिला सूचना प्रबन्धक मनीष ने बताया कि क्षयरोगियों के लिए सभी केन्द्रों पर वार्ड भी संचालित किया जा रहा है। अभी तक एमडीआर क्षयरोगियों को चारमाह तक इंजेक्शन लगाना पड़ता था। लेकिन इसके बदले दवा के मिल जाने के बाद इंजेक्शन से मुक्ति मिल जाएगी। इस समय जिले में एमडीआर मरीजों की संख्या 152 है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एचपी सिंह ने बताया कि इस टैबलेट के आ जाने से टीबी के रोगियों को एक सहूलियत मिलेगी। यह किसी वरदान से कम नही है। एमडीआर टीबी के रोगियों को इंजेक्शन से होने वाले दर्द से मुक्ति मिल जायेगी। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर अमित ने बताया कि सामान्य टीबी होने पर जब मरीज उपचार के बीच में ही दवा छोड़ देता है। तक वह मल्टी डग रेजिस्टेंट एमडीआर का शिकार हो जाता है। आम भाषा में इसे बिगड़ी टीबी भी कहते हैं।
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