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डाउनलोड करेंभदोही की विश्व विख्यात मखमली कालीन को और उड़ान देने के लिए रेलवे ने चार स्टेशनों पर कालीन का स्टॉल लगाने का निर्णय लिया है। एक स्टेशन एक उत्पाद के तहत वाराणसी रेल खंड के माधोसिंह-रामबाग रूट पर ज्ञानपुर रोड, माधोसिंह और कटका स्टेशन, वहीं उत्तर रेलवे के जंघई-वाराणसी रूट के लिए भदोही स्टेशन का चयन किया गया है। रेलवे का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प और लघु उद्योगों का संरक्षण एवं अधिक स्वरोजगार का सृजन करना है।
अलग-अलग स्टेशनों पर लगेंगे कई उत्पाद के स्टाॅल
रेल अधिकारियों ने बताया कि दोनों रुट के चार स्टेशन पर एक स्टेशन-एक उत्पाद के तहत कालीन का स्टाल सजाने के लिए आवेदन मांगा है। वहीं कछवां, दारागंज, हंडिया खास स्टेशन पर मिट्टी के बर्तन, रामबाग जंक्शन पर जूट शिल्पकला, निगतपुर और भीटी स्टेशन पर पड़किया मिठाई, अयोध्या कैंट पर गुड़, उन्नाव पर चमड़े, सुल्तानपुर-अमेठी पर मूंज, रायबरेली में काष्ठ शिल्प, जौनपुर पर ऊनी, बाराबंकी पर टेक्सटाइल, लखनऊ पर चिकनकारी, प्रतापगढ़ पर आवंला उत्पाद के स्टाल के लिए चयनित हुए हैं।
रेलवे एक हजार का शुल्क लेकर जारी करेगा टोकन
जनसंपर्क अधिकारी वाराणसी-लखनऊ डिविजन अशोक कुमार और विक्रम सिंह ने बताया कि एक स्टेशन-एक उत्पाद योजना का लाभ पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी छोर से पूर्वी छोर की यात्रा करने वाले यात्रियों को मिलेगा। उत्पादों की बिक्री एक स्टेशन पर 15 दिन के लिए मान्य होगी। रेल प्रशासन आवेदकों से एक हजार रुपये शुल्क लेकर टोकन जारी करेगा। स्टाल लगाने के लिए आवेदक का हस्तकरघा में पंजीकरण और केंद्र-प्रदेश सरकार से जारी श्रमिक आईडी कार्ड होने चाहिए। स्वयं सहायता समूह और कमजोर वर्ग को वरीयता दी जाएगी। आवेदकों की संख्या अधिक होने पर अलग-अलग उत्पाद के स्टाल लगवाने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
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