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डाउनलोड करेंऔराई में बाल विकास परियोजना में तैनात मुख्य सेविका और डीपीओ के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को प्रभारी डीपीओ और मुख्य सेविका का मामला सीडीओ दफ्तर पहुंच गया। मुख्य सेविका ने मनमानी करने और नियम विरुद्ध ड्यूटी लगाने का आरोप लगाया है। जिसके बाद आरोप--प्रत्यारोप का दौर जारी है।
संविदा कर्मी का नहीं किया जा सकता स्थानांतरण
तहसील में बाल विकास परियोजना में संविदा पर तैनात मुख्य सेविका गीता केशरी ने सीडीओ को को शिकायत पत्र दिया है। आरोप है कि औराई में कार्यरत हैं फिर भी प्रभारी डीपीओ मंजू वर्मा ने विभागीय गाइड लाइन का उल्लंघन कर उन्हें कार्यालय ज्ञानपुर में तैनात कर दिया है। कहा कि इस बरसात के मौसम में भींगते हुए ज्ञानपुर विकास भवन कार्यालय में आने-जाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गत दिनों जब संयुक्त सचिव भावना श्रीवास्तव का दबाव पड़ा तो डीपीओ ने स्थानांतरण की बात न कहकर कर्मचारियों की कमी के कारण अधिकृत करना बताया। जबकि किसी संविदा कर्मी का स्थानांतरण दूसरे स्थान पर नहीं किया जा सकता।
308 केंदों में 11 मुख्य सेविका की जरूरत, 3 ही तैनात
वहीं प्रभारी डीपीओ मंजू वर्मा ने कहा कि मुख्य सेविका गीता केशरी का मूल पद और स्थान औराई बाल विकास परियोजना विभाग है। वहीं से उनका वेतन भी जारी हो रहा है। डीएम और सीडीओ की संस्तुति पर गीता केशरी को ज्ञानपुर परियोजना में अधिकृत कराया गया है। मुख्य सेविका गीता केशरी ने कहा कि औराई में कुल 308 केन्द्र पर 11 मुख्य सेविका की तैनाती होना चाहिए। जबकि इस समय 3 मुख्य सेविका कार्यरत हैं।
लापरवाही से अव्यवस्था की भेंट चढ़ रही परियोजना
आपकों बता दें कि औराई ब्लाक जीटीरोड के समीप स्थित अकांक्षात्मक ब्लाॅक है। वहां पर सभी पद संतृप्त होने चाहिए। किंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से बाल विकास परियोजना अव्यवस्था की भेंट चढ़ रही है। विभागीय अधिकारी स्थानांतरण निति का खुला उलंघन करते हुए संविदाकर्मियों को इधर से उधर करते रहते हैं। वहीं उपजिलाधिकारी लालबाबू दूबे का कहना है कि हम इस विषय नहीं बोल सकते हैं। यह मामला सम्बन्धित विभाग का है।
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