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डाउनलोड करेंबस्ती जिले के 80 किमी के एनएच-28 हाइवे पर हादसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार बीते 5 साल में हादसों में 60% की बढ़ोत्तरी हुई है। बीते 3 साल में ही 751 लोगों की मौत हो चुकी है। इन हादसों को रोकने के लिए अब आईजी राजेश मोडक ने पहल की है। उन्होंने बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर एसपी को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
13 डेंजर पॉइंट चिन्हित किये गए
पुलिस के मुताबिक़ सर्दियों में घटनाएँ कुछ ज्यादा होती है। जिसे देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस ने बस्ती के 80 किमी के एनएच हाइवे पर 13 डेंजर पॉइंट चिन्हित किये हैं। जहां पहले हादसे हुए हैं। ऐसे में इन चिन्हित पॉइंट्स पर अलर्ट के अलावा एक्सीडेंट की सबसे बड़ी वजह अवैध कट्स हैं। पेट्रोल पंप और ढाबों के सामने हाइवे के डिवाइडर को काट कर रास्ता बना दिया गया है। जिसकी वजह हाइवे को क्रॉस करते समय हादसा हो जाता है। अवैध रूप से रास्ता बनाने वालों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पेट्रोल पंप और ढाबों के सामने सड़क पर ही गाड़ियों को पार्किंग करने की वजह से भी एक्सीडेंट हो रहे है। अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई की तैयारी भी है।
3 साल में 1058 हादसे
जिले के 80 किलो मीटर हाइवे पर 3 साल में 1058 हादसे हुए हैं। जबकि इनमे मरने वालों की संख्या 751 की है। वहीं 664 लोग घायल हुए हैं। साल दर साल देखे तो 2018 में 382 हादसों में 261 मौत और 249 घायल हुए। 2019 में 388 हादसे में 245 मौत हुई और 240 लोग घायल हुए। 2020 में 288 हादसों में 245 की मौत और 175 घायल हुए। इन आंकड़ो को देख कर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि जिले में एक्सीडेंट का ग्राफ किस तरह बढ़ता जा रहा है। हादसों में मरने वालों में अधिकांश की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है।
आईजी ने दिए निर्देश
आईजी राजेश मोडक का कहना है कि ठंड के मौसम में जब कोहरा पड़ने लगता है तो सबसे ज्यादा एक्सीडेंट के मामले सामने आते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह सही लाइट न होना, गलत कट्स, सही जेबरा मार्किंग न होना, इंडीकेटर न होना एक्सीडेंट की मूलभूत वजहें है। तीनों जनपदों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि एक्सीडेंट के जो ब्लैक प्वाइंट हैं। उन को चिंहित करें। इसमें एएसपी और सीओ स्तर के अधिकारियों को लगाया जाए ताकि एक्सीडेंट की संख्या को कम किया जा सके।
जो ब्लैक प्वाइंट है उनको चिंहित कर एक्सीडेंट के कारणों का पता लगाया जाए। जिन वजहों से ज्यादा एक्सीडेंट हो रहे हैं। उन को सर्दी में फाग शुरू होने से पहले दुरूस्त कर लिया जाए। ऐसे ढाबों और पेट्रोल पंप को चिंहित किया जाए जहां पर पार्किंग की सही व्यवस्था न होने के बाद भी हैवी गाडियों को सड़क पर खड़ा कर दिया जाता है।
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