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डाउनलोड करेंबस्ती में पहले बाढ़ ने मुश्किलें बढ़ाई तो अब कटान ने किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। इन दिनों सरयू नदी का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। नदी का जलस्तर कम होने से विक्रमजोत ब्लॉक क्षेत्र में कटान बढ़ गई है। इससे ग्रामीण सहमे हैं।
संदलपुर में भी कटान ने किसानों की चिंता को और ज्यादा बढ़ा दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी इस बाबत कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे समस्याएं जस की तस हैं। कटान के बारे में अधिकारियों और बाढ़ खंडकर्मियों को अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कटान को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
खराब हो गई धान की फसल
गौरतलब है कि असमय हुई बारिश के कारण जलभराव और बाढ़ के कारण किसानों की खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। खड़ी फसलों को बर्बाद होता देखकर किसान मायूस हैं। वहीं, जागरूक किसानों ने शासन और प्रशासन से क्षतिपूर्ति सहित मद्द की गुहार लगाई है। हालत यह है कि विक्रमजोत क्षेत्र के अतरौरा झाम, पचवस, रानीपुर, बस्थनवां सहित आसपास के कई गांवों में धान की फसल डूबने से खराब हो गई है। साथ ही गन्ना की फसल भी गिरकर खराब हो रही है।
फसलों की कटाई पर असर
अतरौराझाम ग्राम पंचायत के किसान जवाहर सिंह की 4 बीघा, शिवबहादुर की 7 बीघा, अम्बर सिंह की दो बीघा, रामसहाय मौर्य की 6 बीघा, श्याम नारायन पांडेय की 3 बीघा धान की फसल पानी में डूब गई हैं। वहीं खेसुआ गांव में तकरीबन 11 बीघा से अधिक धान की तैयार फसल बरसात के पानी में डूबी है। इसके अलावा तालागांव, शंकरपुर, पचवस समेत कई गांवों में खेतों में अभी भी बरसात का पानी सूखा नहीं है। इसलिए फसलों की कटाई प्रभावित हो रही है।
एसडीएम हर्रैया अमृत पाल कौर ने बताया कि सभी सर्किलों के राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों को निर्देश दिए गए हैं कि फसलो की हुई भारी क्षति का सर्वे कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं, जिससे नुकसान का आंकलन किया जा सके।
संक्रामक बीमारियों का खतरा
बीते दिनों सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर पहुंच गया था. डेंजर लेबल 92.73 की जगह 93.28 पर पहुंचने से हर्रैया तहसील के विक्रमजोत और दुबौलिया ब्लॉक के तटवर्ती गांव में बाढ़ का पानी आ गया था। इससे कई बीघा फसल बर्बाद हो गई है। विक्रमजोत क्षेत्र के कल्यानपुर, भरथापुर, माझा किता अव्वल समेत आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी कम होने से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
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