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डाउनलोड करेंबरेली में कमिश्नर की एक फटकार ने राजकीय महिला शरणालय में रहने वाली महिलाओं की जिंदगी बदल दी। पिछले कई सालों से जर्जर भवन में असुविधाओं के बीच रहने वाली परेशान महिलाओं बड़ी मुश्किल से जर्जर राजकीय महिला शरणालय में रह रहीं थी। वह भी तब जब पीडब्ल्यूडी ने उस बिल्डिंग को कंडम घोषित कर दिया था। मामले की गोपनीय शिकायत पर कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे ने 21 जून को राजकीय महिला शरणालय में छापेमारी की थी।
जिसके बाद वहां की हालत देख उनका पारा चढ़ गया था। जब उन्होंने जिम्मेदार अफसरों से रिपोर्ट तलब की तो पता चला कि यह बिल्डिंग कंडम घोषित है। उसके बाद भी शरणालय में रहने वाली 200 महिलाओं और कुछ बच्चों की जान जोखिम में डालकर रखा जा रहा है। जब उन्होंने जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाई तो राजकीय महिला शरणालय की संवासनियों को हरुनगला स्थित आश्रय गृह में शिफ्ट कर दिया गया।
कई अफसर बदले लेकिन किसी ने नहीं दिया था ध्यान
प्रेमनगर स्थित राजकीय महिला शरणालय में बीते कई साल से 150 मानसिक मंदित महिलाएं और 50 गुमशुदा महिलाएं अपने बच्चों के साथ रह रहीं थी। शरणालय का आलम यह था कि पीडब्ल्यूडी ने उस बिल्डिंग को कंडम घोषित कर दिया था। उसके बाद भी सभी महिलाओं और बच्चों को जान जोखिम में डालकर रखा जा रहा था। इस दौरान कई डीएम और कमिश्नर भी बदले लेकिन किसी ने भी कंडम घोषित राजकीय महिला शरणालय में रहने वाली महिलाओं की ओर ध्यान नहीं दिया था। कंडम घोषित बिल्डिंग में रहने से जहां महिलाओं को खतरा था वहीं वहां असुविधाओं की भरमार थी।
इसी दौरान बरेली में नव नियुक्त कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे को इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने 21 जून को अचानक शरणालय में चेकिंग करने पहुंच गई। जहां की हालत देख उनका माथा ठनका और उन्होंने वहीं जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द महिला शरणालय को शिफ्ट करने के निर्देश दिए। इसी के साथ वहां भारी असुविधाओं को लेकर शरणालय अधीक्षिका को भी चेतावनी दी तो अफसरोें में हड़कंप मच गया।
फटकार का अंजाम, सालों से लटका काम पूरा
कंडम घोषित हो चुके प्रेमनगर राजकीय महिला शरणालय में रह रही महिलाओं की जिंदगी बद से बदतर थी। बिल्डिंग इतनी बेकार थी कि शायदी कभी भी तेज बरसात में ढह सकती थी। कमरों में सीलन के चलते वहां रहने वाली महिलाएं परेशान थी। ज्यादातर महिलाएं मानसिक मंदित थी तो वह कुछ जान ही नहीं पाती थी। वहीं सामन्य महिलाएं अगर कुछ कंडम बिल्डिंग और वहां होने वाली असुविधाओं को लेकर कुछ बोलती भी थी तो वहां के कर्मचारी डांट डपट कर चुप करा देते थे, लेकिन सेल्वा कुमारी जे ने जब शरणालय पहुंची तो वहां के हालात बद से बदतर देख उनका पारा चढ़ा और एक फटकार से जो काम सालों से लटका था वह पूरा हो गया।
मलाई काट रहे थे अफसर
उत्तर प्रदेश राजकीय महिला कल्याण विभाग द्वारा ही राजकीय महिला शरणालय को संचालित किया जाता है। साल में मोटी रकम महिला शरणालय में रहने वाली महिलाओं की सुविधा के नाम पर आता है लेकिन शरणालय में सिर्फ असुविधाओं का बोलबाला था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सालों से कंडम घोषित बिल्डिंग में ही महिलाओं को रखा जा रहा था। इतना ही नहीं शरणालय में महिलाओं को सुविधा के नाम पर शायद ही कुछ मिलता था। जिसके चलते 21 जून को कमिश्नर ने वहां के हालात देख प्रथम जिम्मेदार शरणालय की अधीक्षिका को अफसरों के सामने फटकारा था। जिससे यह साफ है कि विभाग के अफसर महिला शरणालय के नाम पर मलाई काट रहे थे।
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