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डाउनलोड करेंबरेली में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते आरोपित को कोर्ट ने 22 वर्ष की सजा सुनाई है। इतना ही नहीं आरोपित को इसके साथ 75 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। पुलिस की माने तो आरोपित के खिलाफ बारादरी थाने में नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था।
पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद पैरवी करते हुए आरोपित के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाकर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद बुधवार को कोर्ट ने आरोपित को सजा सुना दी।
नाबालिग को अगवा कर किया था दुष्कर्म
बिथरीचैनपुर के रामगंगा कॉलोनी निवासी अतुल गुप्ता पुत्र स्व. डीके गुप्ता बारादरी क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग किशोरी को अगवा कर लिया था। इसके बाद उसने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने पीड़िता के परिवार की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म समेत अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पीड़िता को बरामद करने के साथ ही आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पीड़िता के मेडिकल के दौरान दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्रित कर चार्जशीट दाखिल की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP रोहित सिंह सजवाण के निर्देश पर बारादरी पुलिस ने मिशन शक्ति अभियान के तहत आरोपित के खिलाफ मॉनिटरिंग सेल द्वारा प्रभावी पैरवी की गई। सख्त पैरवी के चलते बुधवार को कोर्ट ने अतुल गुप्ता पर्याप्त साक्ष्य पाकर नाबालिक को बहला फुसालकर भगा ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म करने के सम्बन्ध में धारा 363, 366, 376, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अधीन दोषसिद्ध किया गया। दोष सिद्ध अपराधी अतुल गुप्ता को धारा-6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अधीन 22 वर्ष के कारावास और 75 जार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। कोर्ट ने कहा कि अर्थदंड नहीं जमा करने पर आरोपित को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। वहीं धारा 363 के तहत आरोपित को 5 वर्ष का कारावास 7 हजार अर्थदंड और दिया गया।
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