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डाउनलोड करेंबाराबंकी जनपद के रामसनेही घाट इलाके में तेंदुआ देखे जाने से दहशत का माहौल है। कई दिन बीत जाने के बाद तेंदुए का कोई पता नहीं चल पाया है। पिंजरों को खाली वापस लौटा लिया गया है। वन विभाग की टीम उसे पकड़ने का प्रयास कर रही थी और लगातार वन विभाग द्वारा तेंदुआ को पकड़ने को लेकर काम किया जा रहा था। उसके बाद दरियाबाद इलाके में तेंदुआ देखने को मिला था।
इसी बीच लगभग 5 दिन पहले तेंदुए ने परसौल गांव में एक किसान पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। वहीं कुछ ग्रामीणों ने तेंदुए को देखा भी था। वन विभाग की टीम गांव पहुंची, जहां पर कांबिंग के दौरान तेंदुए के पैर के निशान पाए गए। वन विभाग की टीम ने लोगों को आगाह किया था और पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ने का प्रयास वन विभाग की टीम द्वारा जारी था। फिलहाल आज तक वन विभाग के हाथ खाली हैं और रामसनेहीघाट तहसील के भगवानपुर, कोटवा सड़क, सनौली समेत दर्जनों गांव के लोग दहशत में है।
ग्रामीणों ने बयां किया दहशत का दर्द
कोटवा सड़क की रहने वाली निशा बताती हैं कि तेंदुआ को लेकर गांव में दहशत है। खेत में काम करने जाने भी डर लगता है। वहीं पूरे चुरई गांव की रहने वाली कलावती बताती हैं कि तेंदुए की दहशत से लोग परेशान हैं। घर ठीक न होने के कारण तेंदुआ आने की दहशत बनी रहती है। वहीं पेंटिंग का काम करने वाले चांद बताते है की तेंदुआ देखे जाने के बाद से हम लोगो में दहशत बढ़ गई है। कोटवा सड़क के रहने वाले पाठक बताते हैं कि तेंदुआ को लेकर तरह तरह की चर्चाएं है। वन विभाग को उसे पकड़ लेना चाहिए, जिससे लोगो का भय समाप्त हो। वहीं रामसनेही घाट के क्षेत्रीय प्रभारी वन अधिकारी मोहित श्रीवास्तव का कहना है कि पिंजड़े हटाए नहीं गए हैं, जिन गांवों में तेंदुए का कोई पग चिन्ह या मूवमेंट नही मिला है, वहां से पिंजरा हटाकर उसको दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। तेंदुआ को पकड़ने का प्रयास जारी है।
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