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डाउनलोड करेंप्रशासन द्वारा गांव के स्कूलों में बरात रुकने पर रोक लगाने के बाद अब गांव में बारात रुकने की समस्या खड़ी हो गई है, जिसके चलते अब गांव में बरातघर की बहुत आवश्यकता है। रामसनेही घाट तहसील के अधिकतर गांव की पड़ताल करने पर पता चला की गांव में अब बारात रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते गांव के लोग परेशान होते हैं। कई लोगों तो खेतों पर बरात रुकने की व्यवस्था करते हैं।
पहले गांवो में बने स्कूलों में बरात रुक जाती थी और शादी ब्याह संपन्न हो जाते थे, लेकिन साफ सफाई और पढ़ाई न बाधित हो इसको लेकर प्रशासन ने स्कूलों में बरात रुकने पर रोक लगा दी। इसके बाद से गांव में बारात रुकने की समस्या खड़ी हो गई। शहर और कस्बों में तो मैरिज हॉल और लॉन की व्यवस्था होती है, जहां पर आसानी से बारात रुक जाती है और शादी ब्याह के कार्य संपन्न हो जाते है।
हजारों की आबादी में नहीं है बरातघर
गांवों में अभी ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते ग्रामीणों के परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भवानियापुर गांव के प्रधान काम किशोर यादव बताते हैं कि बारात घर की गांव में समस्या है। स्कूलों में बारात रुकने पर रोक लगा दी गई है, जिससे गांव में बारात घर की आवश्यकता है। वहीं, मथुरा प्रधान मोहम्मद सलीम बताते हैं कि बरात घर की समस्या है। गांव की आबादी लगभग 4, 000 है। गांव में बरात घर पहले भी नही था और पहले स्कूल में बारात रुक जाती थी, लेकिन प्रशासन और शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद अब गांव में स्कूलों में बारात नही रुकती है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
खेत में टेंट लगाकर रोकी बरात
गांव में बारात घर की आवश्यकता है। इसके लिए ब्लाक को प्रस्ताव भेजा गया है। वही खंड विकास अधिकारी बनी कोडर से बारात घर के संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि बारात घर की समस्या हैं।ऐसे गांवो को चिन्हित कर प्रस्ताव बना कर भेजने को कहा गया है। प्रस्ताव मिलने पर जल्द ही निर्माण का कार्य शुरू कराया जायेगा। कोटवा सड़क के रहने वाले सतीश बताते हैं कि उनकी बहन की शादी थी। बारात खेत खलिहान में टेंट लगाकर रोकी गई थी और बारात आने से पहले तेज आंधी आ गई, जिससे बहुत ज्यादा समस्या उत्पन्न हो गई थी।
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