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डाउनलोड करेंभारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की मान मनौव्वल भी काम नहीं आई। यूनियन दो भागों में बंट गया। नाराज पदाधिकारियों व उनके समर्थकों ने रविवार को भाकियू (अराजनैतिक) के गठन की घोषणा करते हुए राजेश चौहान को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। ऐसे में राजेश चौहान बाराबंकी पहुंचे।
'घायल होने पर बदल दिया जाता है घोड़ा'
बाराबंकी पहुंचने पर मीडिया के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान राजेश चौहान कहा कि भाकियू महेंद्र टिकैत के मूल सिद्धांतों से भटक गई है। ऐसे में नया संगठन बनाना ही सही लगा। राजेश चौहान ने कहा कि हमारे कुछ सहयोगी लोग एक पार्टी विशेष का मुखौटा बनते जा रहे हैं। धीरे-धीरे करके किसान यूनियन ना बनके राजनीतिक दल की तरह लड़ने लगे तो हमारी मजबूरी है कि महात्मा टिकैत के सिद्धांतों को बचाना है। राजेश चौहान ने कहा कि युद्ध के मैदान में यदि घोड़ा जवाब दे जाए तो उसे बदल दिया जाता है।
'राजनीतिक दल की तरह लड़ने लगे थे पदाधिकारी'
नए कृषि कानून के खिलाफ सरकार से मोर्चा लेने वाले राकेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, नरेश टिकैत को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। भारतीय किसान यूनियन दो भागों बंट गया है। राकेश टिकैत वाले गुट से BKU के कई नेता अलग हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले नया संगठन काम करेगा। राजेश चौहान को भारतीय किसान यूनियन का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।
भारतीय किसान यूनियन में दो गुटों में होने की बात को लेकर जब राजेश चौहान से पूछा गया कि आप किसान असमंजस में है। वह किस ओर जाएं तो उन्होंने इस पर कहा कि जो राजनीति के पसंदीदा लोग होंगे, राजनीतिक की ओर जाएंगे। जो अराजनैतिक चेहरा होंगे, किसानों की लड़ाई लड़ना है, जिन्हें राजनीतिक चेहरा नहीं बनना है। वह हमारे साथ रहेंगे।
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