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डाउनलोड करेंबाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी मंगलवार को उनसे मिलने बांदा जेल पहुंचे। उमर अंसारी ने करीब 2 घंटे तक मुलाकात की। जेल से बाहर आने के बाद उमर अंसारी मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि सरकार तैयारी कर रही है कि विधायकजी चुनाव न लड़ने पाए। जैसे भी हो, उनको चुनाव लड़ने से रोका जाए, लेकिन जनता इसका फैसला करेगी।
उनके साथ मुख्तार के वकील अनिमेष शुक्ला भी थे। हालांकि, जेल प्रशासन ने उनको अंदर जाने नहीं दिया, सिर्फ उमर अंसारी को मिलने की अनुमति दी गई। उधर, करीब एक हफ्ते पहले सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी मुख्तार अंसारी से जेल में मिलने पहुंचे थे। उन्होंने मुख्तार अंसारी को अपनी पार्टी से टिकट देने का ऐलान किया था।
सरकार के दबाव में नहीं हो रहा इलाज
उमर अंसारी ने बताया कि मुख्तार अंसारी पिछले 16 साल से जेल में बंद है। जिन मामलों में उनको सजा सुनाई गई है, आज तक कोई भी मामला सिद्ध नहीं हुआ। सरकार द्वेष भावना के चलते कार्रवाई कर रही है। वो बीमारी से जूझ रहे हैं। उनको शुगर, बीपी और हार्ट की प्रॉब्लम है। सरकार के दबाव के चलते उनका इलाज तक नहीं किया जा रहा है।
वर्तमान में वह कमर के दर्द से पीड़ित हैं। जिसको लेकर डॉक्टरों ने फीजियोथेरैपी कराने की सलाह दी थी, लेकिन जेल प्रशासन उनका उपचार नहीं करा रहा है। बताया कि 16 नवंबर को एम्बुलेंस प्रकरण मामले की सुनवाई है, इसी के सिलसिले वो मुलाकात करने आए थे।
एक दिन पहले ED ने की थी पूछताछ
बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से रविवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तीन सदस्यीय टीम ने पूछताछ की थी। जेलर प्रमोद तिवारी के मुताबिक, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक पुराने मामले में मुख्तार अंसारी से करीब 6 घंटे पूछताछ की।
बता दें, गबन और अकूत संपत्ति के मामले में ED ने मुख्तार अंसारी पर 3 केस दर्ज हैं। ED की प्रयागराज यूनिट में दर्ज मुकदमे में करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित करने को आधार बनाया गया है। इसमें जिन तीन मुकदमों को आधार बनाया गया है, उसमें से एक सरकारी जमीन पर कब्जे का मामला है।
जेल में जान को बताया था खतरा
कुछ समय पहले मुख्तार अंसारी ने अपनी जान को खतरा जताया था। मुख्तार ने आरोप लगाया था कि शासन, प्रशासन और जेल अधिकारी बांदा जेल में बंद पेशेवर अपराधियों को 5 करोड़ रुपए की सुपारी देकर उनकी हत्या कराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें जेल में खास सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
मऊ से विधायक हैं मुख्तार अंसारी
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह 1999 में आगरा की सेंट्रल जेल में बंद थे, तब उनकी बैरक में 18 मार्च 1999 को पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने छापा मारा था। वहां से मोबाइल और बुलेट प्रूफ जैकेट मिली थी। इस मामले में आगरा के जगदीशपुर थाने में अंसारी के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने अंसारी के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।
मऊ और गाजीपुर में है मुख़्तार का दबदबा
विधायक मुख्तार अंसारी का मऊ और गाजीपुर सहित आसपास के जिलों में भी दबदबा है। मऊ संसदीय क्षेत्र, गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से लगा हुआ है, जहां के मुख्तार अंसारी सुर्खियों में रहते हैं। मुख्तार अंसारी के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह 2017 में भाजपा की आंधी में भी मऊ सदर सीट से चुनाव जीते थे। 2019 लोकसभा चुनाव में उनके भाई अफजाल अंसारी भी गाजीपुर से चुनाव जीते हैं।
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