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डाउनलोड करेंबांदा के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में है। शिक्षक अपनी मनमर्जी से स्कूल चला रहे हैं। कहीं शिक्षक समय एक-दो घंटे देरी से स्कूल पहुंच रहे हैं तो कहीं पर शिक्षामित्र के भरोसे ही स्कूल चल रहा है। बच्चों को MDM में सड़े आलू की सब्जी भी परोसी जा रही है।
मामला कमासिन क्षेत्र के स्कूलों का है। बीरा के प्राथमिक विद्यालय बनकट में तीन शिक्षक तैनात हैं। आरोप है कि प्रधानाध्यापक मनीष भदौरिया स्कूल की सारी जिम्मेदारी शिक्षामित्र के हवाले कर खुद कभी स्कूल नहीं आते हैं। प्रधानाध्यापक के स्कूल में गैरहाजिर रहने का सिलसिला काफी दिनों से चला आ रहा है।
उधर, सहायक अध्यापक के आने-जाने का भी कोई समय निश्चित नहीं है। प्रधानाध्यापक का एक या दो दिन सिर्फ हाजरी लगाने आते हैं। इसके अलावा यहां पर मिडडे मील (MDM) मेन्यू के हिसाब से नहीं बनाया जाता है।
प्रधानाध्यापक का वेतन रोकने के निर्देश
खंड शिक्षाधिकारी जगत सिंह राजपूत ने सहायक अध्यापक राहुल से जानकारी लेकर प्रधानाध्यापक का वेतन रोककर आवश्यक कार्रवाई की बात कही है। यही हाल औदहा के प्राथमिक विद्यालय अमिलहा पुरवा का है। ग्रामीणों का आरोप है कि काफी दिनों से स्कूल में बच्चों को मेन्यू के हिसाब से फल, दूध और खाना नहीं दिया जा रहा है। खाने में सडे़ आलू की सब्जी बनाई जा रही है। यही हाल प्राथमिक विद्यालय मुसीवां के सौहारा पुरवा का है।
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