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डाउनलोड करेंतहसीलदार के स्थानांतरण के बाद वकीलों ने पिछले 25 दिनों से चल रहा कार्य बहिष्कार व क्रमिक अनशन स्थगित कर दिया है। बुधवार को सिविल कोर्ट के अधिवक्ता भवन में आयोजित बार एसोसिएशन की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया।
प्रहलाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि न्याय व वादकारियों के हितों को देखते हुए आंदोलन स्थगित किया जाता है, क्योंकि हमारी सबसे प्रमुख मांग पूरी हो गई है। बैठक में अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया कि अगर 18 मई तक मुकदमा समाप्त नहीं किया गया तो उसी दिन बैठक कर 19 मई से एक बार फिर क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
मंडलायुक्त व डीआइजी को मुकदमे से संबंधित जानकारी देने व मुकदमा समाप्त किए जाने का अनुरोध करने के लिए अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल को अधिकृत भी किया गया। बैठक में महामंत्री अखिलेश सिंह, शराफत अली खां, आलोक कुमार, सुधीर कुमार, सुशील श्रीवास्तव, अनीसुल हसन, वीरेंद्र सिन्हा, राकेश कुमार, सर्वेश जायसवाल, इजहारुल हसन समेत अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे।
आंदोलन के कारण करोड़ों रुपयों के राजस्व की हो चुकी है क्षति
तहसीलदार को हटाने की मांग को लेकर 16 अप्रैल से चल रहे न्यायिक कार्यों के बहिष्कार व रजिस्ट्री बैनामा कार्य बाधित रहने से करोड़ों रुपयों की स्टांप बिक्री, कोर्ट फीस व निबंधन शुल्क का घाटा सरकार को उठाना पड़ा है। उप निबंधक नारेंद्र सिंह का कहना है कि वकीलों के आंदोलन वापस लेने के बाद बैनामा व स्टांप की बिक्री में गति आने की उम्मीद बनी है।
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