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डाउनलोड करेंअग्निपथ स्कीम के विरोध में रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों में हुए तोड़फोड़ और आगजनी में रेल संपत्ति के हुए नुकसान की भारपाई उपद्रवियों को ही करना होगा। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है। नुकसान का आंकलन करने के बाद वसूली की जाएगी। सीओ सिटी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वसूली की जाएगी।
सेना भर्ती में अग्निपथ स्कीम के विरोध में 17 जून की सुबह सैकड़ों की संख्या में युवक वीर लोरिक स्टेडियम में जुट गये। यहां से समूह में निकले और पुलिस कार्यालय के कुछ दूर खड़ी स्कूल की बसों में तोड़फोड़ की। लाठी-डंडा से लैस रेलवे स्टेशन पर पहुंचे उपद्रवियों ने बलिया-लोकमान्य तिलक टर्मिनल स्पेशल और सियाल्दह एक्सप्रेस में तोड़फोड़ की थी। उन्होंने स्टेशन के कई स्टॉल (दुकानों) को भी नुकसान पहुंचाया।
काजीपुरा के पास स्थित वाशिंगपिट से सटे यार्ड में खड़ी एक अतिरिक्त कोच (एम्पटी) के एक जनरल बोगी में आग लगा दिया। इस घटना में डिब्बा पूरी तरह से जल गया। मामले में स्टेशन अधीक्षक की तहरीर पर रेल पुलिस ने दो सौ अज्ञात युवकों पर केस दर्ज किया है। इस मामले में रेल पुलिस अब तक आधा दर्जन को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। सीओ सिटी प्रीति त्रिपाठी का कहना है कि अभी आरोपितों की गिरफ्तारी की जा रही है। इसके बाद जीआरपी में दर्ज मुकदमें में चिह्नित होने वाले आरोपितों से वसूली शुरु होगी। रेल सूत्रों की मानें तो जिस डिब्बे को फूंका गया है, उसकी कीमत करीब 75 लाख रुपये है। इसके अलावे एससी, स्लीपर और जनरल कोच को भी तोड़फोड की गई। इससे भी लाखों रुपये का घाटा हुआ है।
ग्रामीण थानों में भी शुरू हो गई धर-पकड़
अग्निपथ योजना के विरोध में 17 जून को शहर में हुए उपद्रव में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी जनपद के सभी थानों की ओर से की जा रही है। अब तक नगर कोतवाली ने 109, दुबहड़ ने सात, सहतवार ने 17, हल्दी, दोकटी और रेवती तीन-तीन तथा बैरिया थाने में आठ आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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