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डाउनलोड करेंबलिया में ट्रेनों की तर्ज पर परिवहन विभाग भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर बसों का संचालन करेगा। यह योजना प्रदेश के सभी जनपदों में लागू होगी। सेनानियों का नाम उस जनपद के अफसरों को उपलब्ध कराना होगा। दरअसल, परिवहन निगम की ओर से 100 दिनों की कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत अगले कुछ दिनों में परिवहन विभाग के बेड़े में 150 बसों को शामिल किया जाएगा।
प्रदेश के परिवहन मंत्री (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकार के 100 दिन के कार्य योजना के तहत निगम के बस बेड़े में शामिल होने वाली 150 बसों में से 75 बसों को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शामिल किया जाए। इसके अलावा शेष 75 बसों को राजधानी लखनऊ से प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में उनके संबंधित जनपदों को जोड़ा जाएगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, देश की आजादी में हमारे वीर सपूतों का अमूल्य योगदान रहा है। ऐसे में भाजपा सरकार उनकी पहचान व योगदान को आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है। इसको देखते हुए परिवहन निगम सेनानियों के जन्म स्थल व कर्म स्थल को परिवहन सुविधाओं से जोड़ने की कार्य योजना तैयार कर रहा है।
उनका कहना है कि इस सुविधा का लाभ यात्रियों को भी जल्द मलने लगेगा। मंत्री ने बताया है कि चौरी-चौरा, काकोरी आदि स्थल स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को संजोये हुए हैं। इसी प्रकार प्रदेश के 75 जिलों में इनसे संबंधित स्थलों को चह्निति करते हुए उन्हें राजधानी लखनऊ एवं अन्य महत्वपूर्ण नगरों और महानगरों से जोड़ा जाएगा।
9 अगस्त को CM करेंगे शुरुआत
देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से हर जनपद में परिवहन निगम की बसों का संचालन होगा। जैसे ट्रेनों को नंबर की बजाय अधिकतर लोग नाम से ही जानते व पहचानते हैं। ठीक उसी तरह बसों की पहचान भी सेनानियों के नाम से होगी। इस योजना की शुरुआत 9 अगस्त को अगस्त क्रांति के दिन से होगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि 9 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस योजना को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे।
बलिया में है सेनानियों की लंबी फेरहिस्त
अंग्रेजी दासतां से मुक्ति दिलाने में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अहम योगदान रहा। यही कारण है कि सेनानियों की एक लंबी फेरहिस्त है। अमर शहीद मंगल पांडेय, शेरे बलिया चित्तु पांडेय, पं. महानंद मिश्र, पं. रामदहिन ओझा, राजकुमार बाघ, वीर कुंवर सिंह, कौशल किशोर सिंह सरीखे दर्जनों सेनानी शामिल हैं। ऐसे में उनके गांव-जवार तक बसों का संचालन वास्तव में बड़ी उपलब्धी होगी।
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