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डाउनलोड करेंबलिया DM सौम्या अग्रवाल ने मंगलवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां मिली कमियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए CMO डॉ. नीरज पांडे व CMS डॉ. दिवाकर सिंह को सुधार लाने की हिदायत दी। उन्होंने उपस्थिति पंजिका की जांच की तो करीब आधा दर्जन कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सभी से स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया है।
DM ने अस्पताल के सभी वार्ड में जाकर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को जाना और भर्ती मरीजों से बातचीत की और उनका हालचाल लिया। खाली पड़े पोस्ट कोविड वार्ड में भी मरीजों को भर्ती कर उपयोग में लाने का निर्देश दिया। अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के बारे में पूछताछ की। परिसर में खराब पड़े आरओ के बारे में जानकारी ली और उसे तुरंत ठीक कराने का निर्देश दिया। CMO को निर्देशित करते हुए कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई हमेशा बेहतर होनी चाहिए। मरीजों को मिलने वाली हर सुविधाएं समय से मिलें।
पटरी पर नहीं लौट रही स्वास्थ्य व्यवस्था
जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था लंबे समय से बेपटरी है। मंत्री, विधायक और अफसरों के निरीक्षण का असर भी उनके ऊपर नहीं पड़ता। दरअसल, स्थाई व संविदा पर सदर अस्पताल में तैनात कर्मचारियों का जुगाड़ ऊपर तक है। कइयों की नौकरी तो सत्ताधारी दल के नेताओं की सरपरस्ती में चलती है। ऐसे में वह विभागीय अफसरों पर हमेशा भारी पड़ते हैं।
कुछ तो नये-पुराने नेताओं के नाते-रिश्तेदार हैं, जिनके मन में किसी तरह का भय नहीं होता। अस्पताल में डॉक्टरों के OPD में उठने-बैठने का कोई वक्त नहीं निर्धारित नहीं है। दलालों की सक्रियता वैसे ही बनी हुई है। आवास पर मरीजों को ऊंची फीस लेकर बेरोक-टोक देखते हैं। इस तरह की समस्यायों से शायद अभी DM अनभिज्ञ हैं। अब देखने वाली बात यह है कि जांच के दौरान गायब कर्मचारियों पर DM की ओर से किस तरह की कार्रवाई होगी।
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