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डाउनलोड करेंतीन जनपदों की सरहद पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर में प्रतिदिन लगभग 3 सौ मरीज अपना इलाज कराने आते हैं। जिले का एक महत्वपूर्ण चिकित्सालय होने के बावजूद यह बदहाल स्थिति में हैं। अस्पताल में न तो समय से कर्मचारी नजर आते हैं, और न ही चिकित्सक। गुरुवार की सुबह रजिस्ट्रेशन कक्ष तक सीएचसी अधीक्षक को फोन पर संपर्क के बाद खोला गया।
उप्र के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सरकारी चिकित्सालय का औचक निरीक्षण का असर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर नहीं दिख रहा है। कर्मचारी व चिकित्सक इतने लापरवाह हो चुके हैं कि उन्हें समय का कोई ख्याल ही नहीं रहता है। गुरुवार को सीएचसी सीयर का कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला जहां 8:15 बजे के बाद भी न रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला था, और न कोई दवा वितरण कक्ष में ही कोई मौजूद था। इस दौरान चिकित्सालय में सिर्फ एक पुरुष चिकित्सक ही नजर आए।
नदारद मिलीं महिला चिकित्सक
उधर समस्तीपुर गांव से महिला मरीज को दिखाने आए नागेंद्र यादव महिला चिकित्सक की अनुपस्थिति के चलते अस्पताल में भटकते नजर आए। जबकि महिला चिकित्सक का कक्ष खाली नजर आ रहा था। कुछ देर बाद एक और महिला मरीज की अस्पताल में इंट्री होती है। उनके साथ आए परिजन अस्पताल में मौजूद एकमात्र चिकित्सक से रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद होने के चलते बिना दवा की पर्ची के ही उनके चैंबर में जा पहुंचे।
उक्त चिकित्सक ने बिना हीलाहवाली के तुरंत मरीज को देखा। यही नहीं उक्त चिकित्सक ने फोन करके एक कर्मचारी को भी बुलाया जो महिला मरीज को दवा आदि देने के कार्य में लग गया। जब भास्कर द्वारा अस्पताल के अधीक्षक डा0 तनवीर अहमद से पर्ची काउंटर साढ़े 8 बजे के बाद भी बंद होने की सूचना दी गई तो 10 मिनट बाद अस्पताल पहुंचे कर्मचारी उसे खोलते नजर आए।
इस दौरान समस्तीपुर से महिला मरीज को दिखाने पहुंचे नागेंद्र यादव उस वक्त भी महिला चिकित्सक का इंतजार करते नजर आए। गुरुवार की सुबह सीएचसी सीयर की बदहाली साफ नजर आई। ऐसे में योगी सरकार 2.0 की हनक दूर दूर तक अस्पतालों में नजर नहीं आ रही तथा मरीज भटकने को मजबूर हैं।
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