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डाउनलोड करेंबागपत जिले में श्रावण मास में परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में मेले का आयोजन होता है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लेकर पहुंचते हैं। इसको लेकर जिले में तैयारियां शुरू हो गई हैं। बुधवार को डीएम ने मीटिंग कर तैयारियों के बारे में चर्चा की।
डीएम की अध्यक्षता में हुई मीटिंग
डीएम की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में मंदिर समिति, विभिन्न मंदिरों के पुजारी और संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया। डीएम ने बताया कि कांवड़ यात्रा और मंदिर का मेला इस बार 150 सीसीटीवी की निगरानी में होगा। कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए मार्गों की मरम्मत, पेयजल, चिकित्सा सुविधा के लिए भी निर्देशित किया।
साल में दो बार तीन दिवसीय मेला लगता है
बालेनी थाना क्षेत्र के पुरा गांव में ऐतिहासिक परशुरामेश्वर महादेव मंदिर है। यहां साल में दो बार श्रावण और फाल्गुन मास कि शिवरात्रि पर तीन दिवसीय मेला लगता है। इसमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के जनपदों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। हरिद्वार और गोमुख से भी कांवड़िए पैदल गंगाजल लाकर यहां जलाभिषेक करते हैं।
कोरोनाकाल के बाद इस बार श्रावण मास के मेले अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसी के चलते जिला प्रशासन ने 25 से 27 जुलाई तक लगने वाले मेले और कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
भगवान परशुराम जी ने की थी शिवलिंग की स्थापना
बताया जाता है कि इस मंदिर को भगवान परशुराम जी नें वनो में घोर तपस्या कर यहाँ शिवलिंग को स्थापित कर गौमुख से गंगाजल लाकर जलाभिषेक किया था। लोगो कि मान्यता है कि यहाँ पर भगवान आशुतोष के दर्शन करने से मनोकामना पूरी होती है।इसलिए यहाँ पर यूपी, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब से श्रद्धालू मंदिर में आकर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करते हैं।
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