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डाउनलोड करेंबागपत के एक निजी अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाने से वकील की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने शव कोतवाली में रखकर हंगामा किया। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। सीओ के आश्वासन पर परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
इलाज के दौरान हालत बिगड़ने लगी
जिले की शहर कोतवाली क्षेत्र के मुबारिकपुर गांव निवासी वकील नरेंद्र त्यागी कई साल पहले सड़क हादसे में घायल हो गए थे। कंधे में अधिक चोट होने के कारण प्लेट डाली गई थी। उस प्लेट को निकलवाने के लिए बुधवार की दोपहर वह एक नर्सिंग होम पहुंचे थे। यहां उन्हें भर्ती कर लिया गया। इलाज के दौरान उनकी हालत बिगड़ने लगी। इस पर अस्पताल स्टॉफ ने वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने की बात कही। इसको लेकर परिजनों से कुछ कहासुनी हो गई।
काफी देर बातचीत होने के बाद वेंटिलेटर सुविधा के लिए वकील को एंबुलेंस में शिफ्ट करके दूसरे अस्पताल ले जाया जाने लगा। परिजनों ने रास्ते में किसी प्रकार के खतरे को देखते हुए डॉक्टर को भी गाड़ी में बैठा लिया। परिजन वकील को लेकर दिल्ली के लिए निकले ही थे कि अस्पताल स्टॉफ द्वारा पुलिस को डॉक्टर के अपहरण की सूचना दी गई।
कुछ ही देर बाद वकील की मौत हो गई
अपहरण की सूचना पर पुलिस सक्रिय हो गई और जगह-जगह चेकिंग करने लगी। चेकिंग के दौरान पाठशाला चौकी क्षेत्र में पुलिस ने डॉक्टर को एंबुलेंस से बरामद किया और बाहर निकाला। वहां से डॉक्टर को कोतवाली ले आई। परिजन अकेले एंबुलेंस को दिल्ली की तरफ ले गए। कुछ ही देर बाद वकील की मौत हो गई। परिजन एंबुलेंस से ही शव को कोतवाली ले आए। यहां डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे।
सीओ के आश्वासन पर माने
घंटों तक हंगामा चला। जब परिजन मानने को राजी नहीं हुए तो इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई। सूचना पर सीओ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बात करके उन्हें समझाया। जांच करके उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर परिजन माने और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
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