पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंबागपत में खेकड़ा तहसील क्षेत्र के रटौल में 12 माह बच्ची की सप्ताह भर से बुखार की गिरफ्त में रहकर मौत हो गयी है। बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। रटौल में डायरिया और बुखार का प्रकोप बढता जा रहा है। इससे ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से शिविर लगाकर जांच करने की मांग की।
रटौल गांव से नगर पंचायत बन चुका है लेकिन आज भी यहां की सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर अधिकारियों की कार्यशैली को बयां करते हैं। गंदगी कारण फैले संक्रामक रोगों से हर साल दर्जनों लोग अपनी जान गवा देते हैं। लेकिन अधिकारी रटोल को गंदगी से निजात दिलाने की तरफ ध्यान नहीं दे रहे। रटौल निवासी कामिल की 12 माह पुत्री अलीफजा पिछले एक सप्ताह से बुखार से बुखार से पीड़ित थी। परिजन बच्ची का इलाज गांव में ही एक प्राइवेट डॉक्टर से करा रहे थे।
गुरुवार शाम को हालत खराब होने पर परिजन खेकड़ा में एक डॉक्टर के पास ले गए जहां से उसे शाहदरा के जीटीबी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। रात करीब नौ बजे अस्पताल जाते समय रास्ते में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है। ग्रामीणों का कहना है कि आज भी गांव में बड़ी संख्या में लोग बुखार व डायरिया से ग्रस्त हैं। प्राइवेट डॉक्टरों से ही इलाज करा रहे हैं।
अरीबा, सोनू, इकरा, सुलतान आदि बड़ी संख्या में बच्चे डायरिया और बुखार से पीड़ित हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से गांव में शिविर लगाकर मरीजों की जांच करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गांव से बाहर पड़ता है जहां आवागमन के लिए भी कोई साधन नहीं है इस कारण लोग प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज कराते हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.