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डाउनलोड करेंबड़ौत के बड़का गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय मेंं तैनात उर्दू के शिक्षक की डीएम को शिकायत पहुंची है। जिसमें शिक्षक पर उर्दू का ज्ञान न होने के कारण बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद डीएम के आदेश पर बीएसए ने इस प्रकरण में जांच बैठा दी है।
23 जुलाई 2010 को हुई थी नियुक्ति
शिकायतकर्ता गुलजार अहमद निवासी मौहल्ला शोरगिरान ने डीएम को शिकायत करते हुए बताया कि बड़का गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अली हसन सहायक अध्यापक के पद पर पिछलें दस साल से तैनात हैं। बताया कि वर्ष 2010 में उर्दू अध्यापक भर्ती के आधार पर 23 जुलाई 2010 को उनकी नियुक्त हुई थी। आरोप लगाया कि अली हसन को उर्दू भाषा का ज्ञान नहीं है, इसके बावजूद वे पिछले 10 साल से विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को उर्दू पढ़ा रहे हैं। यह बच्चों के जीवन से खिलवाड़ है। मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी निष्पक्षता के साथ जांच कराएं।
पहले भी हो चुकी कार्रवाई, बाद में मिली बहाली
कहा कि पहले भी शिक्षक अली हसन पर शिक्षा विभाग ने लापरवाही पर कार्रवाई की थी, लेकिन कुछ दिनों बाद दोबारा बहाल कर दिया गया था। डीएम ने इस संंबंध में बीएसए को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। जिसके बाद बीएसए राघवेन्द्र ने इस प्रकरण में जांच बैठा दी है। इस संबंध में एबीएसए प्रकाश चन्द ने बताया कि बीएसए ने जांच सौंपी है। जल्द ही जांच पूरी कर इसकी रिपोर्ट बीएसए के माध्यम से डीएम को भेजी जाएगी। उधर शिक्षक अली हसन का कहना है कि मेरे खिलाफ झूठी शिकायत की गई है। सभी आरोप निराधार हैं।
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