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डाउनलोड करेंबडौत के बावली गांव में अमृत महोत्सव के अवसर पर शहीदों को सम्मानित किया गया। जिसमें शहीद सुरेंद्र पाल सिंह तोमर (1971), कारगिल में शहीद हुए अमर शहीद अनिल तोमर (1999) और शहीद जितेंद्र तोमर (2011) के परिवार जनों को भारतीय सेना के द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान शहीदों के परिजन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
शहीद अनिल तोमर की मां ने कहा कि आज उन्हें अपने बेटे के शहीद होने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा हैं। उस समय सेना के अधिकारियों ने शहीद अनिल तोमर के छोटे भाई को आर्मी जॉइन करने के लिए बहुत प्रयास किए परंतु मैं बड़े बेटे अनिल तोमर के शहीद होने से बहुत दुखी थी। इसलिए मैं छोटे बेटे को फौज में नहीं भेज सकी, परंतु आज मुझे पता लगा की मेरे बड़े बेटे का बलिदान व्यर्थ नहीं गया।
शहीद जितेन्द्र तोमर की मां और पिता ने कहा कि जब तक वे जिएंगे तब तक बेटे का बलिदान नहीं भूल पाएंगे। तीनों शहीद परिवार अपने-अपने शहीदों को याद करके बहुत दुखी हुए। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी शहीदों का अपमान नहीं करना चाहिए। क्योंकि शहीदों ने अपना जीवन त्याग कर देश की आजादी में अपना योगदान दिया है। युवाओं को शहीदों के जीवन से सीख लेकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। घर पर युवाओं को संस्कार की शिक्षा देनी चाहिए।
इस अवसर पर नरेश तोमर, रुपेंद्र तोमर जिला मंत्री हिन्दू युवा वाहिनी , मास्टर अतुल सिंह, रिटायर्ड कैप्टन सरदार सिंह,उपेंद्र तोमर, विनोद तोमर, दीपक कुमार, गोलू तोमर, हरेंद्र सिंह बावली ,अजेंद्र तोमर, बिल्लू तोमर आदि मौजूद रहें।
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