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डाउनलोड करेंबदायूं के SSP आफिस में किसान द्वारा खुद को आग लगाने का मामला यूं ही नहीं हुआ, बल्कि इसमें मौजूदा चौकी प्रभारी राहुल सिंह पुंडीर की भूमिका काफी असंवेदनशील रही। क्योंकि पीड़ित पक्ष ने IGRS पर अपने साथ हुए घटनाक्रम में शिकायत दर्ज की थी। जबकि दरोगा ने अपनी आख्या में आरोपियों को क्लीनचिट दे डाली। यह भी कह दिया कि आरोप लगाने वाला पक्ष दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहा है। अफसरों ने जब दरोगा की यह कारगुजारी देखी तो उस पर निलंबन की कार्रवाई हुई है। सिविल लाइंस इलाके के रसूलपुर गांव के किशनपाल ने SSP आफिस में आत्मदाह की कोशिश की और गंभीर रूप से झुलस गया। इस घटना के बाद समूचा सिस्टम कठघरे में आ गया। आनन-फानन में अफसरों ने मामले की जांच कराई तो पता लगा कि घटना का मुकदमा आरोपीगणों के खिलाफ पुलिस दर्ज कर चुकी थी लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। इसी बीच आरोपी पक्ष ने भी वादी पक्ष के खिलाफ पुलिस को तहरीर दे डाली। इस पर वादी पक्ष ने सीधे IGRS पर शिकायत की।
दरोगा ने यह दी आख्या
मौजूदा चौकी इंचार्ज मंडी समिति पुलिस चौकी राहुल पुंडीर ने अपनी आख्या में स्पष्ट लिखा कि IGRS की जांच उन्होंने की है। इसमें पाया गया है कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पहले ही लिखा जा चुका है। इसमें बलवा व मारपीट की धाराएं शामिल हैं। मामले में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। फिलहाल वादी पक्ष जांच अपने पक्ष में कराने के लिए झूठी शिकायतें कर रहा है।
गिरफ्तारी की जगह गुमराह किया
चौकी प्रभारी ने इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से पूरी तरह परहेज किया। जबकि संबंधित धाराओं में गिरफ्तारी संभव है। वहीं अफसरों से लेकर IGRS पोर्टल के अफसरों को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह थी कि वादी पक्ष दरोगा पर साठगांठ का आरोप लगा रहा था। कुल मिलाकर दरोगा की हरकत अफसरों के सामने खुलकर आ गई है।
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