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डाउनलोड करेंबदायूं में किसान किशनपाल द्वारा SSP आफिस गेट पर आत्मदाह के मामले में दूसरे दिन गुरुवार को पुलिस ने बरेली में ही शव का पोस्टमार्टम कराया। जबकि इसके बाद CO सिटी की निगरानी में शव को गांव लाया गया। यहां पहले से ही ADM प्रशासन समेत अन्य अफसर तैनात थे। अफसरों ने आश्रितों को आर्थिक सहायता समेत पट्टे पर जमीन देने का ऐलान किया है।
इस हादसे की वजह यह थी कि किशनपाल नाम ने आत्मदाह की कोशिश की और उसे बरेली के निजी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। इसके बाद अफसरों का पूरा फोकस किसान पर सितम ढहाने वाले दबंगों पर था। पुलिस ने गांव भर में कॉम्बिंग की और कई लोगों को हिरासत में लिया। नतीजतन रात तक सात नामजद पुलिस के कब्जे में आ गए। इधर, कछला गंगाघाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। इसकी तैयारी पुलिस ने पहले से ही कर ली थी।
आत्महत्या को उकसाने का मुकदमा
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या को उकसाने का एक और मुकदमा कायम किया है। यह मुकदमा किसान की पत्नी की तहरीर के आधार पर की गई है। वहीं फरार आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है। SP सिटी प्रवीन सिंह चौहान ने बताया कि आत्महत्या को उकसाने का मुकदमा लिखा जा चुका है।
पूरा गांव पुलिस-PAC के हवाले
पूरा गांव दोपहर से ही पुलिस व PAC के हवाले हो गया। गांव में छतों से लेकर सड़कों तक खाकी का पहरा था। ADM प्रशासन रितु पुनिया समेत सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार वहां जा पहुंचे। इधर, CO सिटी बरेली से शव लेकर गांव पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया।
जली फसल को अब बनी रिपोर्ट
आग से जो आठ बीघा गेहूं की फसल जली थी। उसकी रिपोर्ट अब प्रशासन ने तैयार की है। ऐसा उन हालात में है, जब किसान आत्मदाह कर चुका है। कुल मिलाकर इस पूरे मामले की गूंज शासनस्तर तक पहुंची है। इधऱ्, अफसरों ने इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराने का आश्वासन दिया है। ताकि आरोपियों को जल्द सजा मिल सके।
जान दी तब हुई कार्रवाई
किसान कई दिन से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भटक रहा था। पूरा परिवार थाने से लेकर अफसरों तक के चक्कर लगा रहा था। बेटे ने बिलखते हुए बताया कि अब बुधवार को भी SSP से उसे पुलिसकर्मियों ने नहीं मिलने दिया। जबकि दरोगा राहुल पुंडीर ने उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट IGRS पर लगाई थी। बोला कि पापा ने प्रशासन की ढिलाई के चलते मौत को गले लगाया है। बेटे का कहना है कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई थी। इसी कारण घटना हुई है। ऐसे में उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मुकदमा लिखा जाए।
उठने लगे विरोध के स्वर
गुरुवार को जन संघर्ष परिषद के कैंप कार्यालय पर संगठन की आकस्मिक बैठक हुई। जिसमें आत्मदाह करने वाले किसान किशन पाल के परिजनों के समर्थन में खड़े होने का निर्णय लिया गया। परिषद के अध्यक्ष अनिल कृष्णा ने कहा कि हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ पीड़ित परिजनों के साथ खड़े हैं। उनके साथ हुई ज्यादती की जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए। जो भी अधिकारी या कर्मचारी इसमें दोषी हों उन पर कड़ी कार्यवाही हो। उपाध्यक्ष राजीव वासुदेवन ने कहा कि किशनपाल के परिजनों को उचित मुआवजा अतिशीघ्र दिलाया जाए। इस अवसर पर गौरव सिंह ,बनवारी माथुर,मुनीश पाल,अमित वर्मा ,प्रदीप कुमार, शीशराम, प्रमोद यादव,अनंगपाल सिंह, प्रदीप गौतम आदि उपस्थित रहे।
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