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डाउनलोड करेंबदायूं के दातागंज तहसील के गांव गंगोला में डेंगू बुखार का कहर जारी है। यहां अब तक एक ही परिवार के 3 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। जबकि 50 से अधिक लोग डेंगू मलेरिया की चपेट में है। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे लोगों की भी मौत हुई है जिन्होंने गांव में ही झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया और डेंगू की जांच भी नहीं कराई। वहीं जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिले में डेंगू से अब मौतें नहीं हो रही हैं। डेंगू की स्थिति काबू में है।
दरअसल, डेंगू की चपेट में आने से लखन राम की पत्नी गुड्डू देवी, सुधीर की पत्नी शोभा, अवधेश की पत्नी रुचि, महिपाल की पत्नी सुनीता देवी की डेंगू से मौत हुई है। इसके अलावा गांव के करीब 50 से अधिक लोग डेंगू व मलेरिया की चपेट में है। गांव में डेंगू और मलेरिया का कहर जारी है। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। उधर, दातागंज स्वास्थ्य केंद्र पर भी व्यवस्थाएं ठीक ना होने की वजह से क्षेत्रीय लोगों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम प्रधान ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गम्भीर आरोप
गनगोला गांव के ग्राम प्रधान अमन खान का आरोप है कि गांव में डेंगू मलेरिया बुखार से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी, लेकिन विभाग ने उनकी नहीं सुनी। स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप करने के बाद गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खानापूर्ति की और वापस लौट गई। प्रधान का कहना है कि अभी भी करीब 50 से अधिक लोग डेंगू मलेरिया व अन्य बुखार से पीड़ित हैं। ग्राम प्रधान ने यह भी बताया कि जिन 4 लोगों की मौत हुई है उनमें तीन लोग एक ही परिवार के हैं।
मामले में बोली आशा
मामले में आशा द्रोपा का कहना है कि उन्होंने गांव में डेंगू मलेरिया व अन्य बुखार फैलने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को कई बार दी। आशा की सूचना देने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग लगातार लापरवाही करता रहा। जिसकी वजह से गांव में 4 लोगों की मौत हो गई।
दातागंज स्वास्थ्य केंद्र में भी नहीं है बेहतर व्यवस्थाएं
गांव के ही अवधेश कुमार की माने तो दातागंज स्वास्थ्य केंद्र पर ना तो जांच की सही व्यवस्था है और ना ही दवाइयां उपलब्ध है। जिसकी वजह से गांव के लोग प्राइवेट लैब पर हजारों रुपए में जांच कराने और निजी अस्पताल में मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदने के लिए भी मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के इस रवैया से ग्रामीण काफी परेशान हैं।
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