पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंकेन्द्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने को लेकर आजमगढ़ जिले के किसानों ने स्वागत किया। किसानों का कहना है कि आने वाले चुनाव को देखते हुए यह बिल वापस लिया गया। किसानों का कहना है विगत 10 महीनों से किसान नोएडा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, लखीमपुर खीरी में लगातार धरना दे रहे थे। सरकार ने बिल वापस लेकर सराहनीय काम किया। इससे किसानों को राहत मिलेगी।
किसान नेताओं के आहवान का किया पालन
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए सठियांव के किसान राम समुझ यादव का कहना है कि किसान कानून के नाम पर सरकार ने किसानों पर बहुत जुल्म किया, पर किसान कानून वापस लेकर किसानों के लिए सराहनीय काम किया। किसान नेताओं ने जो आहवान किया उसका पालन किया गया। वहीं किसान दल सिंगार का कहना है कि किसान बिल वापस करने का काम सरकार का सराहनीय काम है। किसान 10 महीनों से धरना दे रहे थे। किसानों का कहना है कि इस कानून को लेकर किसान लगातार धरना दे रहे थे, पर आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने यह फैंसला लिया। इससे किसानों को भविष्य में राहत मिलेगी।
किसान कानून पर हो रही थी राजनीति
केन्द्र सरकार के इस कानून के विरोध में सभी विरोधी दल एक साथ हो गए थे। सपा, बसपा, कांग्रेस के सभी नेता भाजपा सरकार के इस कानून के विरोध में लगातार किसानों के पक्ष में खड़े थे। ऐसे में सरकार ने जिस तरह से कृषि कानून को वापस लेने का काम किया निश्चित रूप से इससे सरकार को आने वाले चुनाव में फायदा मिलता दिख रहा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.