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डाउनलोड करेंमार्टिनगंज तहसील क्षेत्र के खरसहन खुर्द (लाला का पुरवा) गांव के श्याम कुमार का चयन संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुआ है। इनके पिता राम उजागिर प्रजापति कुम्हार हैं। श्याम कुमार चार भाईयों में दूसरे नंबर पर हैं। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त की है।
वेदांत दर्शन में की पीएचडी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद परास्नातक इन्होंने संस्कृत विषय से जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय नई दिल्ली से किया है। वहीं से इन्होंने मास्टर ऑफ फिलोसॉफी (M.PHIL) की उपाधि प्राप्त की है। पीएचडी की उपाधि "वेदांत दर्शन, भक्ति आंदोलन की संत परंपरा व भारत की सांस्कृतिक एकता विषय पर प्राप्त की है।
चारों भाइयों ने प्राप्त की उच्च शिक्षा
श्याम कुमार शुरू से ही मेधावी छात्र रहें हैं। श्याम के चारों भाइयों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की हैं। श्याम कुमार की इस उपलब्धि में इनके बड़े भाई और इनके पिताजी का विशेष योगदान रहा है। पिता ने मिट्टी के बर्तन बनाकर व समय मिलने पर राजगीर (मिस्त्री) का काम कर बच्चों को पढ़ाया है। उच्च शिक्षा के लिए शहर भेजा।
बडे भाई हिंदी में स्वर्ण पदक विजेता
श्याम का कहना है कि पिता की कठिन मेहनत का ही प्रतिफल है कि आज हम चारो भाई अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके। इनके बड़े भाई भानु प्रताप प्रजापति भी एमफिल हिंदी में स्वर्ण पदक विजेता हैं। पीएचडी की उपाधि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। वर्तमान में वह झारखंड के सरकारी स्कूल में प्रभारी प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। श्याम कुमार का चयन 18 वी रैंक पर सामान्य वर्ग में हुआ है। इससे गांव में खुशी का माहौल है। बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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