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डाउनलोड करेंअयोध्या में ब्रह्म सागर संस्था द्वारा आयोजित मंथन शिविर में पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने अयोध्या प्रवास के दूसरे दिन रविवार को कहा कि सरकार को धर्म की दिशा और नीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।सामाजिक विकारों को दूर करने हेतु और राजनीति में शुचिता लाने के लिए सभी प्रबुद्ध जन को संगठित होकर एक मंच पर आना होगा।
संगठित होकर समाज में व्याप्त विकारों को समाप्त करें
विभिन्न प्रदेशों से आए ब्राह्मण और सनातन धर्म के संगठनों के पदाधिकारियों को सप्तासगर स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर परिसर में संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने ब्रह्म सागर संस्था द्वारा किए गए प्रयास को समर्थन दियाl उन्होंने आवाहन किया कि सभी जागरूक नागरिक देश के भविष्य को समृद्ध करने हेतु संगठित होकर समाज में व्याप्त विकारों को समाप्त करें।शंकराचार्य ने मंथन शिविर में आए सम्मानित जनों के राष्ट्र धर्म और नीति से संबंधित शंकाओं का निराकरण भी किया। एक प्रश्न के उत्तर में श्री शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि धर्मनिरपेक्ष सरकार को किसी भी समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैl
एक मंच पर आकर सनातन धर्म की नींव को मजबूत करने का आवाहन
कार्यक्रम के समापन में हनुमान मंदिर के महंत व प्रसिद्ध ज्योतिषी राकेश कुमार तिवारी ने शंकराचार्य की आरती कीl इस अवसर पर वामन मंदिर के महंत वैदेहीवल्लभ शरण, लक्ष्मण किला के महंत मैथिलीरमण शरण, रामकथा के विशिष्ट व्याख्याता स्वामी मिथिलेशनंदिनी शरण, जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य,रंगमहल के महंत रामशरण दास, रामआश्रम के महंत जयराम दास,जगद्गुरु रत्नेश प्रपन्नाचार्य, विश्व शांति आश्रम के महंत लक्ष्मण दास, महंत वीरेंद्र दास, हाईटेक बाबा एमबी दास ने अपने विचार व्यक्त किएl ब्रह्म सागर संस्था के अध्यक्ष कैप्टन एसके द्विवेदी ने विभिन्न देशों और प्रदेशों से आए संगठनों के पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और एक मंच पर आकर सनातन धर्म की नींव को मजबूत करने का आवाहन किया।उन्होंने ब्राह्मण समाज से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि बगैर एकता के लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी समाज का महत्त्व नहीं रह जाता।
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