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डाउनलोड करेंयोगी आदित्यनाथ विधान सभा चुनाव हारने के डर से वे गोरखपुर वापस चले गए। अयोध्या से लड़ते तो उनकी जमानत जब्त हो जाती। अब सपा पांचों विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा करेगा। यह कहना है सपा सरकार में पूर्व मंत्री व संभावित सपा प्रत्याशी पवन पांडे उर्फ तेज नारायण पांडे का है। हालांकि योगी के चुनाव लड़ने के दौरान सपा, बसपा और कांग्रेस निष्क्रिय थे। धूप निकला था तो कार्यालय का ताला खुलता था, अन्यथा कार्यकर्ता बाहर ही टहलते दिखाई देते थे।
भाजपा की रणनीति को सपा ने किया कैप्चर-
योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने के दौरान बीजेपी बूथ और सेक्टर स्तर पर चुनाव की तैयारी कर रही थी। मगर सपा ने चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 40 सेक्टरों के 414 बूथों के अंदर एक एक टीम बनाकर चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार की थी। हालांकि अब चुनाव की रणनीति सपा, कांग्रेस बसपा कर रहे है। हालांकि सपा कार्यकर्ता खुलकर जोर शोर से प्रचार- प्रसार कर रहे है, कि हार के डर से योगी आदित्यनाथ अयोध्या छोड़कर भाग गए है इसलिए अब सपा को जीत दिलाओं।
जीत का था संशय-
योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने के दौरान सपा बसपा और कांग्रेस तीनों पार्टियों को अपने प्रत्याशियों के जीत को लेकर संशय बना हुआ था। सपा और कांग्रेस के जिला स्तरीय पदाधिकारियों का कहना था, योगी आदित्यनाथ यदि चुनाव लड़ते तो पांचों विधानसभा के अतिरिक्त आस-पास के अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, बाराबंकी, गोंडा समेत अन्य जनपदों के 40 से अधिक सीटों को प्रभावित करते।
कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ता भी काफी उत्साहित नजर आ रहे है। बसपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि योगी चुनाव लड़ते तो उन्हें हार का सामना करना पड़ता। इसलिए वे यहां से गोरखपुर गए है।
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