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डाउनलोड करेंऔरैया के बिधूना तहसील में ग्रामीणों ने लेखपाल को हटाने की मांग की। रुपपुर सहार गांव के ग्रामीणों ने बुधवार को तहसील पहुंचे। उन्होंने एसडीएम न्यायिक राम अवतार वर्मा को ज्ञापन दिया। मांग की है कि लेखपाल को तत्काल क्षेत्र से हटाया जाए और उचित विभागीय कार्रवाई करें।
ज्ञापन देने वालों में रूपपुर सहार निवासी प्रधान प्रतिनिधि बीरू भदौरिया, सोवरन सिंह कुशवाह, बृजभान सिंह, प्रमोद कुमार, महेश चन्द्र, धर्म सिंह, श्रीपाल, राज किशोर, सुरेश चन्द, मांगेलाल धीरेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, मुनीश सिंह, लाखन सिंह, गौरव सिंह, विक्रम सिंह, नवीन सिंह व राजवीर सिंह आदि शामिल रहे।
पानी की टंकी बनवाने से कर रहा मना
ज्ञापन में कहा गया कि पानी की टंकी हेतु प्रधान द्वारा चिन्हित जगह पर लेखपाल रोहित यादव टंकी बनवाने से मना कर रहा है। कहता है कि वह जगह ढाक के सुरक्षित है, इसलिए वहां टंकी नहीं बन सकती। जबकि उसी जगह पर लेखपाल ने राम बाबू नामक व्यक्ति को पट्टे के आधार पर कब्जा दिला दिया है।
कहा कि इसके साथ ही लेखपाल ने अपनी मर्जी से अन्य जगह पानी की टंकी बनवाने का प्रस्ताव भेज दिया है। यह भूमि प्रबंधन समिति व उसके अधिकारों के खिलाफ है। इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया कि लेखपाल कृषि आवंटन के नाम पर ग्रामीणों से धन इकट्ठा कर रहे हैं।
कहा कि लेखपाल गरीबों को बेघर करने धमकी देकर उनसे पैसे की मांग कर रहा है। इसके अलावा उसके द्वारा अकबर व सलीम की पैमाईश के दौरान गलत तरीके से रघुपति के संक्रमणीय रकबा में नाप कर दी गई। इस तरह वह संक्रमणीय काश्तकारों को परेशान कर रहे हैं।
असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय करने के लिए 20 हजार मांग रहा
कहा कि मिडई की असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय करने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की जा रही है। वह पैसा दे पाने में असमर्थ है, इसलिए उसकी भूमि अभी तक असंक्रमणीय दर्ज है। कहा कि शासनादेश है कि मृतक व्यक्ति की वरासत जांच करके तत्काल दर्ज की जाए। लेकिन, लेखपाल द्वारा अभी तक ब्रह्मपाल पुत्र दुलारे सिंह व नरेन्द्र सिंह पुत्र भेला जिनकी मृत्यु को दो वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। पैसे न देने के कारण आज तक वरासत दर्ज नहीं की गई है।
कहा कि इसी तरीके से अन्य वरासतें भी लम्बित हैं। ग्रामीणों ने सभी बिन्दुओं की जांच कराके लेखपाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ उसे एक सप्ताह में क्षेत्र से हटाए जाने की मांग की है। साथ ही कहा कि यदि उन्हें शीघ्र न्याय न मिला तो वह तहसील में शान्ति पूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
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