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डाउनलोड करेंअमेठी में 'प्रधानमंत्री आवास योजना' में भ्रष्टाचार का दीमक लग गया है। आवास आवंटन में चयन में अपात्रों के नाम लिस्ट से हटाने के लिए ग्रामीण ने DM से शिकायत की है। शिकायती पत्र में अपात्रों के चयन की दोबारा जांच की मांग की है। अधिकारियों की मिलीभगत से लिस्ट में अपात्रों के चयन का आरोप लगाते हुए पात्र लाभार्थी के चयन न होने की भी बात सामने आई है।
संग्रामपुर ब्लॉक से जुड़ा है मामला
मामला संग्रामपुर ब्लॉक की बनबीरपुर ग्रामसभा का है। बनबीरपुर निवासी पवन कुमार दुबे ने DM से मिलकर एक शिकायती पत्र दिया है। शिकायती पत्र में बताया है कि बनबीरपुर ग्रामसभा में 3 राजस्व गांव शामिल हैं, जिसमें राजस्व गांव बनबीरपुर, बघौरा और छाछा हैं। राजस्व गांव छाछा को 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी की सरकार में लोहिया गांव घोषित किया गया था। उस समय लोहिया आवास में छाछा में 121 लोहिया आवास दे दिया गया था। राजस्व गांव छाछा के परिवार रजिस्टर में 216 मकान नंबर ही अंकित हैं।
DM से की शिकायत
इसी गांव में फिर से प्रधानमंत्री आवास के 132 आवास सूची में डाल दिए गए। सोचने वाली बात यह है कि परिवार रजिस्टर में सिर्फ 216 मकान दर्ज हैं तो 121 लोहिया आवास पाने के बाद भी राजस्व गांव छाछा में फिर से 132 आवास कैसे मिल गया। क्या राजस्व गांव छाछा में परिवार रजिस्टर से भी ज्यादा पात्र लाभार्थी मौजूद हैं या ब्लॉक के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से ये भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है।
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