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डाउनलोड करेंमुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषय पर तहसील सभागार अकबरपुर में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव प्रियंका सिंह ने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहाकि कोविड-19 में, जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं, उनके जीवन को संवारने के लिए उप्र सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारम्भ किया गया है। इस योजना का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना है और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। सचिव ने बताया कि इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं का पूरा ख्याल शासन के द्वारा रखा जायेगा।
इन श्रेणी के बच्चो को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से, जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी तय कर दी गयी है। योजना में 0 से 18 वर्ष ऐसे बच्चे शामिल किए जायेंगे। इनमें जिनके जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गयी है, या माता-पिता में से एक की मृत्यु मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गयी अथवा दोनों की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गयी। इसके अलावा 0 से 18 वर्ष के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो और वह परिवार का मुख्य कर्ताधर्ता हो और वर्तमान में जीवित में माता-पिता सहित परिवार की आय दो लाख से अधिक न हो। ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया जायेगा।
शादी के लिए मिलेगा अनुदान
योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिये एक लाख एक हजार रुपया दिये जाएंगे। माता-पिता की मृत्यु से 02 वर्ष के अन्दर आवेदन तथा अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा।शिविर के बाद सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा तहसील अकबरपुर में स्थापित लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। लीगल एड क्लीनिक में कार्यरत पराविधिक स्वयं सेवकों से उनकी समस्याओं के सम्बन्ध में बात की गई।
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