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डाउनलोड करेंसपा रालोद के गठबंधन ने अलीगढ़ में तीन प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें समाजवादी पार्टी ने दो प्रत्याशी घोषित किए हैं, वहीं रालोद की ओर से एक प्रत्याशी की घोषणा की गई है। इसमें सपा की ओर से अलीगढ़ शहर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक व जाने माने ताला कारोबारी जफर आलम के नाम पर मुहर लगाई गई है। वहीं कोल विधानसभा सीट से युवा नेता सलमान शाहिद को प्रत्याशी बनाया गया है। गठबंधन में खैर की सीट रालोद के खाते में गई है और यहां से पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी को मौका दिया गया है।
एशिया के जाने माने कारोबारी हैं जफर आलम
अलीगढ़ की शहर विधानसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी से टिकट हासिल करने वाले जफर आलम इसी सीट से पूर्व विधायक रहे हैं। 2017 में मोदी की लहर में उन्हें भाजपा के संजीव राजा के हाथों शिकस्त मिली थी। साफ सुथरी छवि वाले जफर आलम देश के ही नहीं बल्कि एशिया के जाने माने कारोबारी हैं और लिंक लॉक्स कंपनी के मालिक हैं। उनके ब्रांड के ताले देश विदेश में एक्सपोर्ट होते हैं। शहर विधानसभा से उनकी टिकट लगभग पक्की ही मानी जा रही थी। जिस पर पार्टी ने गुरुवार को मुहर लगा दी। जफर आलम शहर के जाने माने समाजसेवी हैं और लोगों के फ्री इलाज से लेकर कोरोना काल में लोगों में सहायता करने में आगे रहे थे।
पूर्व विधायक को दुबारा मिला मौका
खैर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल ने पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी पर दुबारा अपना भरोसा जताया है। साफ सुथरी छवि वाले भगवती प्रसाद सूर्यवंशी 2012 से 2017 तक खैर विधानसभा क्षेत्र से ही विधायक रहे थे। लेकिन 2017 के चुनावों में वर्तमान विधायक होने के बावजूद उनका टिकट काटकर पार्टी ने दूसरे पर भरोसा जताया था। लेकिन उसे भाजपा के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद रालोद ने एक बार फिर उनके ऊपर दाव खेला है।
समाजसेवा के साथ विवादों से घिरे रहते हैं सलमान
कोल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट हासिल करने वाले युवा प्रत्याशी सलमान शाहिद आमजनों की सहायता करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं। लेकिन अपने समाजसेवी कार्यों के साथ ही वह कई बार विवादों में भी घिरे हैं और जिले में जमकर हंगामा भी हुआ है। इसके बाद भी पार्टी ने समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव रहे और वर्तमान कोषाध्यक्ष सलमान शाहिद पर अपना भरोसा जताया है। जिले के खेरेश्वर धाम मंदिर में उनके द्वारा वाटर कूलर लगाए जाने के बाद जमकर विवाद हुआ था। वहीं कोरोना काल में खाना बंटवाने के दौरान उन पर मुकदमा भी हुआ था। जिस पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए इस मामले का संज्ञान लिया था।
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