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आगरा में जीत के लिए 'दुश्मन' ही दोस्त:बसपा के पुराने महावतों के सहारे जीत का कमल खिलाने की तैयारी

आगराएक वर्ष पहले
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आगरा में भाजपा ने बसपा के डा. धर्मपाल, भगवान सिंह कुशवाहा छोटेलाल वर्मा पर दांव आजमाया। - Money Bhaskar
आगरा में भाजपा ने बसपा के डा. धर्मपाल, भगवान सिंह कुशवाहा छोटेलाल वर्मा पर दांव आजमाया।

कहते हैं इश्क और जंग में सब जायज है। इसी तरह राजनीति में जीत के लिए सब जायज है। यहां न दोस्त होता है न दुश्मन। इन दिनों यह दिख भी रहा है। 2022 में सरकार बनाने के लिए हर पार्टी अपना जोर लगा रही है। ऐसे में जोड़-तोड़ भी खूब हो रही है। ऐसे में भाजपा ने भी अपनों से ज्यादा पुराने महावतों पर भरोसा जताया है। तभी तो आगरा में अपने विधायकों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को छोड़कर तीन सीटों पर बसपा के पूर्व महावतों पर दांव खेला है।

2017 में हारने वालों पर जीत का भरोसा
आगरा में पहले चरण के चुनाव के लिए भाजपा ने अपने दावेदारों के नाम घोषित कर दिए हैं। भाजपा ने अपने 5 सिटिंग विधायकों की टिकट काट दी है। इन पांच में से 3 सीट पर भाजपा ने बसपा से आए प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के पास के पास उम्मीदवार नहीं थे, लेकिन भाजपा को अपने से ज्यादा बसपा वालों में दम दिखा। एत्मादपुर सीट पर तो भाजपा टिकट घोषणा से 3 दिन पहले ही पांच पार्टी में रह चुके धर्मपाल सिंह को ले आई। इसका जमकर विरोध भी हो रहा है।

इस सीट पर भाजपा से टिकट पाने के लिए वर्तमान विधायक सहित 19 लोग लाइन में थे। ये सब क्षत्रिय थे। मगर, भाजपा ने 2012 में एत्मादपुर से बसपा की टिकट पर जीतने वाले और 2017 में भाजपा विधायक रामप्रताप से हारने वाले डा. धर्मपाल पर भरोसा जताया है। इसी तरह खेरागढ़ विधानसभा में भी भाजपा नेतृत्व ने 2017 में भाजपा विधायक महेश गोयल से हार का स्वाद चखने वाले भगवान सिंह कुशवाहा को फिर से कमल खिलाने के लिए चुना है। बसपा से वर्ष 2007 और 2012 में खेरागढ़ विधायक रहे भगवान सिंह भाजपा को सबसे योग्य उम्मीदवार लगे, जबकि यहां पर भी टिकट पाने के लिए भाजपा नेताओं की लंबी लाइन थी।

फतेहाबाद में भी बसपा के पूर्व विधायक पर भरोसा
फतेहाबाद विधानसभा में भाजपा ने 2017 में चुनाव से पहले सपा के जिलाध्यक्ष रहे जितेंद्र वर्मा को उतारा था। भाजपा की लहर में जितेंद्र वर्मा चुनाव जीत गए। मगर, 2022 में भाजपा नेतृत्व को जितेंद्र वर्मा में जीत का दम नहीं दिखा। ऐसे में उन्होंने 2012 में बसपा की टिकट पर फतेहाबाद में जीत दर्ज करने वाले छोटेलाल वर्मा को टिकट दिया है। छोटे लाल वर्मा 2017 में भाजपा से टिकट न मिलने पर चुनाव से पहले बसपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद भी भाजपा ने छोटेलाल वर्मा के 'पुराने गुनाह' माफ करते हुए उनको प्रत्याशी बनाया है।

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