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डाउनलोड करेंअयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह अब ताजमहल पर रिसर्च करेंगे। उन्होंने 22 कमरों को खुलवाने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव और पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि मंत्रालय और ASI की पांच सदस्यीय टीम का गठन करे।
डॉक्टर रजनीश ने ही 7 मई को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि ताजमहल के 22 कमरे खोले जाएं। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। सलाह दी थी कि पहले रिसर्च करो, स्टडी करके आओ।
पांच सदस्यीय टीम में शामिल हों ये विशेषज्ञ
डॉ. रजनीश ने मांग की है कि टीम में शोधकर्ता, आर्किटेक्ट प्लानर, इतिहासकार, वकील और शिक्षाविद भी शामिल हों। उन सभी को ताजमहल के बंद कमरे खोलकर दिखाए जाएं ताकि सच सामने आ सके। इसके अलावा ताजमहल के इतिहास से संबंधित साहित्य, शाहजहां द्वारा राजा जय सिंह से ताजमहल खरीदे जाने से संबंधित दस्तावेज की जानकारी उपलब्ध कराने की भी मांग है।
उनका कहना है कि पिछले दिनों उन्हें पता चला कि ASI ने अपनी वेबसाइट पर बंद कमरे के फोटो अपलोड किए हैं। इससे साफ होता है कि इन कमरों को देखा जा सकता है और शोध कार्य भी हो सकता है।
रजनीश का दावा- आजादी के बाद से नहीं खोले गए कमरे
रजनीश सिंह ने बताया कि कोर्ट ने स्टडी करने की बात कही थी। ऐसे में उन्होंने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पत्र भेजा है। उनका कहना है कि जब मैंने ताजमहल का भ्रमण किया और अलग-अलग माध्यम से पता चला कि आजादी के बाद से ताजमहल के बंद तहखाने को आधिकारिक रूप से खोला नहीं गया है। इसको लेकर ASI की वेबसाइट और अन्य माध्यमों से ताजमहल और बंद कमरों का इतिहास जानने का प्रयास किया। उन्होंने ASI के आगरा सर्किल से RTI के जरिए भी जानकारी मांगी, जवाब में सुरक्षा कारणों के चलते दरवाजे बंद होने की बात कही गई।
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भी पत्र लिखा था, लेकिन वहां से उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद उनके पास कोर्ट में रिट दाखिल करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। हालांकि कोर्ट ने उनकी रिट खारिज कर दी है, लेकिन स्टडी करने के लिए कहा गया। जिसके बाद से उन्होंने इस मामले पर स्टडी करने का निर्णय किया है।
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