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डाउनलोड करेंश्रीमाधोपुर के सरकारी स्कूल के शारीरिक शिक्षक सतवीर सामोता का बचपन से खेलों के प्रति लगाव है, वे कुश्ती व जूडो के नेशनल लेवल के खिलाड़ी रह चुके और 1995 में राष्ट्रीय कुश्ती में कांस्य पदक जीत चुके हैं। 1998 में शारीरिक शिक्षा की पढ़ाई के दौरान जूडो में शोध कार्य के बाद से ही बच्चों को ट्रेनिंग देने लगे। हांसपुर के छोटे से गांव खनीपुरा के स्कूल में पद स्थापित सतवीर सामोता पिछले 3 साल से बच्चों को मार्शल आर्ट का निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। ट्रेनिंग पर वे अपने वेतन से ही करीब 3 लाख रुपए खर्च कर चुके और ग्रामीणों को प्रेरित कर 10 लाख रुपए की लागत से स्टेडियम बनवा चुके।
यहां स्कूल व कॉलेज के स्टूडेंट्स को जुड़ो, कुड़ो मार्शल आर्ट, स्काई मार्शल आर्ट, वुशु की निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं। चारों खेल में 18 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर एक गोल्ड, 5 सिल्वर और 12 कांस्य पदक जीत चुके हैं। 47 खिलाड़ी राज्य पर पदक जीत चुके हैं।
11 साल की गायत्री खेलेगी जापान के वर्ल्ड कप में
खनीपुरा गांव की 11 साल की गायत्री पूनिया एक साल से शारीरिक शिक्षक सामोता से ट्रेनिंग ले रही है। सामोता ने बताया कि सब जूनियर बालिका वर्ग में बारडोली गुजरात में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और अब साल 2023 जनवरी में कुडो वर्ल्ड कप प्रतियोगिता के लिए गायत्री का चयन हुआ है। जापान में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए गायत्री पूनिया को कुडो इंटरनेशनल फैडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा भेजा जाएगा। इसका सारा खर्च फैडरेशन के द्वारा वहन किया जाएगा।
10 बच्चों से ट्रेनिंग की शुरूवात, अब 60 बच्चें ले रहे ट्रेनिंग
सामोता बताते हैं, जब ट्रेनिंग की शुरुआत की थी तब सिर्फ 10 बच्चे सीखने आते थे, इन्हीं बच्चों को 3 महीने तक प्रशिक्षण दिया। इन बच्चों ने जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीते तो फिर अन्य बच्चों का भी इस खेल के प्रति रूझान हुआ और ट्रेनिंग के लिए बच्चों का जुड़ना शुरू हुआ। अब वर्तमान में मार्शल आर्ट के चार गेम्स को सीखने के लिए करीब 60 से ज्यादा बच्चें व युवा निशुल्क ट्रेनिंग ले रहे है।
मार्शल आर्ट के चार अलग-अलग खेलों का प्रशिक्षण
शारीरिक शिक्षक सामोता पिछले दो सालों से मार्शल आर्ट की चार अलग-अलग खेलों का प्रशिक्षण दे रहे है। इनमें जूडो, कुडो मार्शल आर्ट, वुशू और स्काई मार्शल आर्ट जैसे आत्म रक्षा वाले खेल शामिल है। सामोता ने बताया कि खेल ग्राउंड में इनके अलावा कुश्ती, हैंडबॉल, तीरंदाजी और बॉक्सिंग भी अब खिलाड़ियों को सिखा रहे है। नेशनल टूर्नामेंट की तैयारी के समय इन खेलों के एक्सपर्ट को बुलाकर भी ट्रेनिंग दी जाती है।
सामोता बताते हैं कि वे करीब 20 साल से कुश्ती व जूडो की निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं। ग्रामीण इलाकों के बच्चों में संघर्ष का जज्बा बढ़ाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अब मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने खनीपुरा में इंडोर हॉल का निर्माण करवाकर मार्शल आर्ट के विभिन्न खेलों के उपकरण भी उपलब्ध करवाएं। रोजाना करीब 50 से 60 बच्चों को निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे है। लगातार नए बच्चे उनसे जुड़ रहे हैं।
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