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डाउनलोड करेंराजस्थान में अरबों की ठगी करने वाली नेक्सा एवरग्रीन कंपनी के इन्वेस्टर्स को उनका पैसा वापस मिल सकता हैं। BUDS ACT 2019 ( बैनिंग ऑफ एंड रेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम) में रुपए वापस किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो ये पहला मौका होगा, जब ठगी के मामले में रुपए रिटर्न हुए हो।
सीकर एसपी करण शर्मा ने बताया कि गुजरात में धोलेरा सिटी प्रोजेक्ट के नाम से नेक्सा एवरग्रीन कंपनी में रुपए लगाने वालों में सबसे ज्यादा रिटायर सैनिक, सरकारी टीचर और कर्मचारी थे। राजस्थान में करीब 62 हजार लोग ठगी का शिकार हुए थे। आरोपियों ने करीब 2600 करोड़ रुपए ठगे थे। ठगों के खिलाफ केवल सीकर में करीब 33 मुकदमे दर्ज हैं।
इसके अलावा जयपुर, झुंझुनूं और जोधपुर समेत अन्य जिलों में करीब 80 मामले दर्ज हैं। आरोपियों ने करोड़ों रुपए ऐंठकर गुजरात में हजारों बीघा जमीन, राजस्थान में माइंस और होटल में इन्वेस्ट किया था।
BUDS ACT में इन्वेस्टर्स को मिलेगा पैसा
एसपी ने बताया कि ठगी का शिकार हुए लोगों को उनके रुपए वापस दिलाने की पूरी कोशिश है। इसके लिए BUDS ACT 2019 ( बैनिंग ऑफ एंड रेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम) में इन्वेस्टर्स को पैसा वापस मिल सकता है। इस एक्ट के मुताबिक इनकम टैक्स जैसी एजेंसी इन्वेस्टर्स को पैसा मिलने के बाद टैक्स की राशि वसूल सकती है। राजस्थान में ठगी के शिकार लोगों को इस एक्ट से पहली बार पैसा दिया जाएगा।
2019 में बना था एक्ट
BUDS ACT एक्ट केंद्र सरकार ने साल 2019 में बनाया था। ये एक्ट चिटफंड जैसे बड़े मामलों में निवेशकर्ताओं के हित के लिए बनाया गया था। इस एक्ट में कंपनी की सीज की हुई संपत्ति और रुपयों पर पहला हक कंपनी के इन्वेस्टर्स का होता है। इन्वेस्टर्स को यह पैसा cooperative department के जरिए मिल सकता है।
ठगी के रुपयों से बनाई प्रोपर्टी
एसपी ने बताया कि मामले में 4 मार्च को कंपनी से जुड़े मुख्य आरोपियों रणवीर बिजारणियां (40) निवासी सोडाला जयपुर, सुभाषचंद्र बिजारणियां (43) निवासी गोकुलपुरा तिराहा, उपेंद्र कुमार निवासी (45) निवासी पनलावा और अमरचंद ढाका (36) निवासी गुंगारा को महाराष्ट्र-गुजरात के बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने गुजरात जाकर जांच की। तब आरोपियों की ओर से हजारों बीघा जमीन में रुपए इन्वेस्ट करने का खुलासा हुआ था। सीकर पुलिस टीम ने करीब 1 हजार बीघा जमीन सीज की थी। आरोपियों ने गुजरात में ही एयरपोर्ट के पास 300 बीघा जमीन और भी खरीदी थी।
इसके अलावा राजसमंद के कोटड़ा में एक मार्बल की माइंस, जयपुर में एक होटल में इन्वेस्टमेंट और फ्लैट भी खरीदा हुआ है। प्रोपर्टी को सीज कर दिया गया है। आरोपियों के दो बैंक अकाउंट में 3 करोड़ और 75 लाख रुपए मिले हैं। हालांकि मामले में अभी अन्य कई आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है।
4 मार्च को आरोपियों को पकड़ा था
पुलिस को मार्च की शुरुआत में इंटेलिजेंस के जरिए सूचना मिली कि आरोपी दिल्ली में है। सीकर पुलिस के दिल्ली पहुंचने से पहले ही आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का रूट आइडेंटिफाई किया। इसके बाद पुलिस ने गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु,बेंगलुरु, मुंबई में आरोपियों की तलाश शुरू की लेकिन पुलिस आरोपियों से करीब 24 घंटे पीछे थी।
पुलिस सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर वडोदरा में आरोपियों के पीछे लग गई। इसके बाद सीकर के रानोली,खाटू और डीएसटी टीम के सहयोग से गुजरात - महाराष्ट्र बॉर्डर पर चारोटी टोल नाके पर घेरकर पकड़ा। पुलिस ने मामले में 4 मार्च को आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
फरारी के दौरान मोबाइल यूज नहीं किया
पुलिस ने आरोपियों की तलाश में करीब 4 हजार किलोमीटर का सफर और 400 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक किए थे। आरोपी रात को 11 से 12 बजे के बीच होटलों में रुकते। अगले ही दिन वापस निकल जाते। आरोपियों ने फरारी के दौरान मोबाइल तक यूज नहीं किया। हालांकि आरोपियों के पास से करीब 11 मोबाइल और कई सिम कार्ड भी मिले। आरोपियों की गिरफ्तारी में कॉन्स्टेबल महावीर और कॉन्स्टेबल बलबीर की मुख्य भूमिका रही।
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