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डाउनलोड करेंनीमकाथाना क्षेत्र की पीडब्ल्यूडी की एक सड़क निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। एक महीने पहले महालेखा नियंत्रक दिल्ली (सीजीए) की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार माने जाने से विभाग में हड़कंप मचा है। अब आला अफसर गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार तत्कालीन सीकर एसई जीसी मीणा को बचाने के लिए 31 मार्च का इंतजार कर रहे हैं।
ताकि मीणा सेवानिवृत हो जाए। क्योंकि तत्कालीन एसई पर कारवाई होती है तो चीफ सैक्रेटरी स्तर तक के अफसरों पर गाज गिर सकती है। मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। प्रकरण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बनी 6 किमी सड़क पाटन-मोठुका से जुड़ा है। दिसंबर 2017 में एक पैकेज में नीमकाथाना पुराना बास-मंडोली 8.30 किमी व पाटन- मोठुका 6 किमी रोड मंजूर हुई। जी-शिड्यूल में दोनों सड़कों के मटेरियल की मात्रा अलग-अलग ली गई।
लेकिन अफसरों ने मंडोली सड़क के बिलो रेट टेंडर से हुई बचत को एनआरआरडीए व प्रशासनिक विभाग की बीना अनुमति पाटन-मोठुका सड़क पर लगा दिया। इसका एक्सेस आइटम 50% की बजाय 103 से 666% तक मंजूर कर ठेकेदार को 1.05 करोड़ रु. का अतिरिक्त भुगतान कर दिया। भ्रष्टाचार छिपाने के लिए आरटीपीपी रूल्स के विरुद्ध पैकेज की दोनों सड़कों के मटेरियल की मात्रा को जोड़कर एक्सेस आइटम की गणना कर दी। इससे एक्सेस आइटम 49% रह गया।
मामला मेरी जानकारी में नहीं है। अगर ऐसा कुछ है तो जानकारी लेकर मामले की जांच करवाई जाएगी। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई की जाएगी। -भजनलाल जाटव, पीडब्ल्यूडी मंत्री
सीजीए की रिपोर्ट पर जवाब मांगा गया था जो भिजवा दिया गया। एसओपी और चीफ इंजीनियर की गाइड लाइन के मुताबिक एक्सेस आइटम लिया गया था। -महेंद्रकुमार, एसई पीडब्ल्यूडी
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