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गौशाला को लेकर समिति और अधिकारियों में नहीं तालमेल:बीमार गायों के बीच रखना पड़ रहा गौवंश, समय पर वैक्सीन नहीं, हरा चारा तक नहीं आ रहा

कोटा4 महीने पहले
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गौशाला को लेकर समिति और अधिकारियों में नहीं तालमेल

कोटा नगर निगम के अधीन आने वाली गौशालाओं में हाल बेहाल है। रोज यहां गोवंश की मौत हो रही है। हालांकि मौतों के कई कारण भले ही बताए जा रहे हो लेकिन यहां अधिकारियों की अनदेखी का शिकार गौशाला हो रही है। पहले भूसा नहीं था, अब हरे चारे की कमी होने लगी है। स्थिति यह है कि तालमेल सही नहीं होने के चलते और समय पर फैसला नहीं ले पाने की वजह से शहर से पकड़ कर लाए जा रहे गोवंश को बीमार गायों के साथ रखना पड़ रहा है।

गायों का वैक्सीनेशन समय पर नहीं हो रहा। दरअसल अभी कोटा में शहर से मवेशियों को पकड़ने का अभियान चलाया हुआ है। ऐसे में रोज नगर निगम की टीम 30-40 गोवंश को पकड़कर नगर निगम की किशोरपुरा स्थित गौशाला लेकर आती है। किशोरपुरा गौशाला में लाए जाने के बाद यहां से गायों को बंधा धर्मपुरा गौशाला में शिफ्ट किया जाता है। किशोरपुरा गौशाला में डायल 250 से 300 तक गौवंश रखे जा सकते है।

यहां पर घायल और बीमार पशुओं का इलाज होता है। ऐसे में जिन गोवंश को को शहर से पकड़ कर लाया जा रहा है उनके वैक्सीनेशन के इंतजार में उन्हें यही बीमार गायों के बीच में रखना पड़ रहा है। बिना वैक्सीनेशन के गोवंश को शिफ्ट करने में दूसरी गायों को बीमार होने का खतरा रहता है खासतौर पर लंपी बीमारी से खतरा है। ऐसे में किशोरपुरा स्थित गौशाला में जगह कम पड़ने लगी है। लगातार व्यवस्था है जब सामने आ रही है तो उसके बाद नगर निगम के अधिकारी भी गौ शालाओं का निरीक्षण कर रहे हैं। उपायुक्त अंबा लाल मीणा ने गौशाला का निरीक्षण कर चर्चा की कि शहर से पकड़कर लाई जा रही गोवंश को सीधा धरमपुरा गौशाला में ले जाया जाए।

वही उनका वैक्सीनेशन कर एक सेफ बाडा बनाया जाएगा जहां गौवंशो को रखा जाएगा। उपायुक्त के अनुसार ऐसा करने से दो जगह गोवंश को हैंडल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और किशोरपुरा स्थित गौशाला में लोड भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हर एचआरए के भी कमी है लेकिन 10 से 15 दिन में स्थिति ठीक हो जाएगी। इधर गौशाला समिति अध्यक्ष जितेंद्र सिंह के अनुसार अधिकारियों की लापरवाही के चलते स्थितियां बिगड़ रही है। गायों का समय पर वैक्सीनेशन हो रहा है न ही रखने के लिए सही व्यवस्था की जा रही है।