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डाउनलोड करेंसरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान व शिक्षा अधिकारी बैंक खातों को अपडेट करने में रुचि नहीं दिखा रहे है। खाते अपडेट नहीं होने से विभाग को स्कूलों की आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसको लेकर शिक्षा निदेशक ने चेतावनी पत्र भेजा है। अब लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की जाएगी। हालात यह है कि प्रदेश के मात्र 3.74 प्रतिशत स्कूलों के बैंक खातों का विवरण हो पाया है।
वही झुंझुनूं जिले की बात करें तो यहां अब तक 2.64 प्रतिशत स्कूलों के बैंक खातों का विवरण ही शाला दर्पण में अपलोड किया गया है। शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को बैंक खातों में विवरण दर्ज कर शाला दर्पण पोर्टल पर प्रति माह सूचना अपलोड करने के निर्देश दिए थे। अब इसमें लापरवाही बरतने वाले शिक्षा अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कई जिलों में संस्था प्रधानों ने बैंक खातों में विवरण दर्ज कर दिया है, लेकिन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आगे की कार्रवाई में लापरवाही बरत रहे हैं।
हो रहा नुकसान
बैंक खाते अपलोड नहीं होने से यह पता नहीं लग पा रहा है कि सरकारी स्कूलों की जमा राशि में कितनी राशि खर्च हो पाई है और जमा राशि से कितना ब्याज हासिल हुआ है। जबकि हर माह की पांच तारीख तक इस विवरण को भरकर शाला दर्पण पर लॉक करने की जिम्मेदारी सीबीईओ को दी हुई है।
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