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प्रतिभागी में आभूषणों के साथ सुंदरता व आत्मविश्वास जरूरी:पूर्व मिस मूमल से जाने कैसे करनी होती है तैयारी, हर पहलू पर बारीकी से देना होगा ध्यान

जैसलमेर2 महीने पहले
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पर्यटन के विश्व मानचित्र पर जैसलमेर की अपनी अलग पहचान स्थापित करने में मुख्य भूमिका अदा करने वाला मरु महोत्सव अब अपने आप में बड़ा उत्सव बन गया है। विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने वाले इस महोत्सव में दूसरी सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता मिस मूमल की होती है। जिसमें कुंवारी कन्याएं ही भाग ले सकती है। इसके लिए बालिकाओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। राजस्थानी राजपूती पोशाक में सिर से नख तक शृंगार करना पड़ता है। इसके साथ ही मिस मूमल सिर्फ साज सज्जा ही नहीं बल्कि वास्तविक सुंदरता की परिभाषा हो, इसका पूरा ध्यान रखना पड़ता है। सुर्ख लाल जोड़े में मिस मूमल की प्रतिभागी बालिकाएं अपना अलग ही वर्चस्व रखती है। मरु महोत्सव में भाग लेने के लिए बालिकाओं को आभूषणों के अलावा कई बारीकियों पर ध्यान देना पड़ता है। कहा भी जाता है कि इस प्रतियोगिता में मूमल की तरह ‘शिख से लेकर नख तक’ सुंदर प्रतिभागी को ही खिताब दिया जाता है।

जैसलमेर के लौद्रवा की राजकुमारी थी मूमल इतिहास के अनुसार जैसलमेर के लौद्रवा की राजकुमारी का नाम मूमल था। मूमल की खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक थे। लौद्रवा की राजकुमारी मूमल व पाकिस्तान के सिंध प्रांत के अमरकोट के राणा महेंद्रा की प्रेम कहानी भी यहां की हवाओं में घुली हुई है। जिनका कभी मिलन नहीं हो पाया। मूमल की सुंदरता को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित है। मूमल की सुंदरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, जिसमें कहा गया है कि ‘मूमल इतनी सुंदर थी, कि जब वह पानी भी पीती थी तो उसके गले से उतरता हुआ पानी दिखाई देता था।’ इसी राजकुमारी की सुंदरता पर मरु महोत्सव में मिस मूमल की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिसमें राजस्थानी पहनावे में सजी धजी बालिकाएं भाग लेती है। सबसे सुंदर प्रतिभागी को मिस मूमल का खिताब दिया जाता है। होंठ मूमल रा सरूप नारैल ज्यूं , नाक मूमल रो सुआगै री चोंच ज्यूं प्यारी प्यारी मूमल हालै तो लेजावों, अमराणै आलै देस।

अब बदल गया है चलन, ब्यूटी पार्लर से ही तैयार होती है मूमल : हालांकि अब समय के साथ बदलाव भी आ गया है। मिस मूमल में भाग लेने वाली अधिकांश बालिकाएं ब्यूटी पार्लर से ही तैयार होकर शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंचती है। हालांकि इससे प्रतियोगिता में कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अब बदलाव की बयार में व सुंदर दिखने के कारण इसका चलन बढ़ गया है।

^मरु महोत्सव में मिस मूमल की प्रतियोगिता में भाग लेना भी बहुत बड़ी बात है। मिस मूमल की तैयारी बहुत कठिन है। इसमें कुंवारी बालिकाएं ही भाग ले सकती है।ं सोने के आभूषण के साथ ही राजपूती ड्रेस लाल रंग में हो तो सबसे बेस्ट है। मिस मूमल की पर्सनैलिटी बहुत बड़ा मैटर रखती है। नाक-नक्श भी खूबसूरत होने चाहिए। मिस मूमल की प्रतिभागी बनने वाली को हर बारीकी का ध्यान रखना पड़ता है। मिस मूमल की पहनी जाने वाली नथ भी सिंपल होनी चाहिए। इसके अलावा लंबे बाल, सही कद काठी के साथ ही आत्मविश्वास सबसे बड़ी बात है। - वर्षा पंवार, मिस मूमल 2018

^मिस मूमल के लिए प्रतियोगी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि मुझे मिस मूमल की प्रतियोगिता के समय ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन आम प्रतियोगी के लिए मिस मूमल की तैयारी करनी भी बड़ी होती है। हर छोटी से छोटी चीज का ध्यान रखना पड़ता है। सिर से लेकर नख तक के लिए तैयारी करनी पड़ती है। इस प्रतियोगिता के लिए कंपीटिशन भी दिन ब दिन बढ़ ही रहा है। ऐसे में अब प्रतियोगियों के सामने सभी नियमों की पालना करते हुए भाग लेना भी बड़ा मुश्किल काम हो गया है। -ज्योति , मिस मूमल 2019

^मरु महोत्सव में मिस मूमल बनना अपने आप में बड़ी बात है। तैयार होना ही सबकुछ नहीं होता। इस प्रतियोगिता में ड्रेस व ज्वैलरी को अरेंज करना मुश्किल होता है। हर प्रकार के आभूषण पहनने पड़ते है। मिस मूमल बनने के लिए आपकी हर चीज परफेक्ट होनी चाहिए। मिस मूमल की हाइट, पर्सनैलिटी अच्छी होने के साथ साथ उसके बाद, चोटी अच्छी गूंथी हुई, राजपूती ड्रेस यूनिक व उसे पहनने का तरीका सही होना चाहिए। आप सबसे अलग व सबसे बढ़िया है, यहीं आत्मविश्वास आपको मिस मूमल ही नहीं हर क्षेत्र में जिताने में योगदान देगा। -लक्षिता , मिस मूमल 2021

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