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डाउनलोड करेंइस बार समापन आतिशबाजी के साथ नहीं होगा मरु महोत्सव को समापन सम के धोरों पर होता है। कार्यक्रम के बाद जमकर आतिशबाजी की जाती है। लेकिन इस बार डीएनपी के नियमों ने काफी बदलाव कर दिया है। स्थान बदलने के बाद अब होने वाला कार्यक्रम ईको सेंसेटिव जोन में होगा। वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम तो किया जा सकता है लेकिन आतिशबाजी पर पूरी तरह से रोक है। डीएनपी के अधिकारी ने बताया कि आतिशबाजी नहीं की जा सकेगी। सवाल: खुहड़ी में डीएनपी के बाहर जगह क्यों नहीं मिली सम में होने वाले कार्यक्रम का स्थान बदलकर धोरों के पास ही किया जा रहा है। जबकि खुहड़ी में होने वाले कार्यक्रम को पूरी तरह से जैसलमेर शहर शिफ्ट कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। चर्चा यह है कि क्या खुहड़ी क्षेत्र में डीएनपी के बाहर का इलाका कार्यक्रम के लिए उपलब्ध नहीं था?
ईको सेंसेटिव जोन में कल्चरल नाइट पर रोक नहीं डीएनपी के आसपास के क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन कहा जाता है। हेलीकॉप्टर जायराइड पर यही अड़ंगा था। भास्कर ने जब मरु महोत्सव के कार्यक्रम स्थलों में हुए बदलाव के संबंध में जिम्मेदारों से बात की तो उनका कहना था कि खुहड़ी व सम दोनों के कार्यक्रम स्थल बदल दिए हैं। खुहड़ी में दूसरी जगह नहीं मिली इसलिए शहर में शिफ्ट कर दिया वहीं सम में डीएनपी के बाहर यानी ईको सेंसेटिव जोन में कार्यक्रम किया जाएगा। इस संबंध में वन विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि ईको सेंसेटिव जोन में कल्चरल प्रोग्राम बेन नहीं है, इसके लिए स्वीकृति की जरूरत नहीं पड़ती।
भास्कर इनसाइड : खुहड़ी व सम के बीच है विवाद जैसलमेर पर्यटन में खुहड़ी व सम के धाेरे ही विख्यात हैं। कुछ साल पहले तक खुहड़ी व सम में लगभग बराबर पर्यटक जाते थे। लेकिन धीरे धीरे खुहड़ी कमजोर पड़ता गया और अधिकांश रिसोर्ट सम में बन गए। अब केवल सम के धोरों का नाम ज्यादा चलता है। कुछ वजह डीएनपी इलाका होने के चलते भी है और कुछ राजनीतिक विवाद भी। खुहड़ी वालों का हमेशा आरोप रहा है कि प्रशासन, सरकार और जनप्रतिनिधि सम को तवज्जो ज्यादा देते हैं, ताकि खुहड़ी की तरफ पर्यटकों का रुझान कम रहे।
^हमने इस संबंध में ज्ञापन दिया है। जानबूझकर प्रशासन खुहड़ी को दरकिनार कर रहा है। यह सरासर खुहड़ी के साथ अन्याय है। खुहड़ी का स्थान पूरी तरह से शिफ्ट कर दिया और सम में केवल जगह ही बदली है। इसका हम विरोध करेंगे। आईदानसिंह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, भाजयुमो ^हमने मौके की जांच की है। पिलर के अनुसार खुहड़ी के धोरे डीएनपी क्षेत्र में हैं, जबकि खसरा नंबर दर्ज नहीं है। फोरेस्ट सेटलमेंट की टीम और रेवन्यू टीम इसकी जांच करेगी और यह क्लियर किया जाएगा कि कहां तक डीएनपी एरिया है। नरपतसिंह चारण, डीएफओ, डीएनपी ^डीएनपी एरिया होने के चलते खुहड़ी में होने वाली संगीत नाइट जैसलमेर शहर स्थित पूनमसिंह स्टेडियम में होगी और सम में जहां हर साल कार्यक्रम होता है वहां न किया जाकर आरटीडीसी के पास पार्किंग एरिया में होगा। खुहड़ी में इसके अलावा कहीं जगह नहीं थी, इसलिए कार्यक्रम को यहां शिफ्ट कर दिया। सम में हमे वहीं पर जगह मिल गई, ईको सेंसेटिव जोन में कार्यक्रम करने की परमिशन है। कृष्ण कुमार, सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग
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