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डाउनलोड करेंजयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर शील धाबाई 60 दिन और मेयर बनी रहेगी। धाबाई का कार्यकाल 6 दिसंबर को पूरा हो रहा था, लेकिन उससे पहले ही स्वायत्त शासन विभाग उनके कार्यकाल को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को भिजवाया था, जिसे धारीवाल मंजूर कर लिया है। धारीवाल से मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही सरकार से आदेश जारी किए जाएंगे।
इस साल जून में तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद सरकार ने शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर के तौर पर कुर्सी पर बिठाया था। सौम्या गुर्जर ने अपने निलंबन के फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सरकार ने धाबाई के कार्यकाल को दो बार पहले बढ़ा चुकी है। 6 दिसंबर को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार ने एक बार फिर कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय किया है। सूत्रों के मुताबिक स्वायत्त शासन विभाग ने पिछले दिनों विधि शाखा से ओपिनियन लेने के बाद ही धाबाई के कार्यकाल को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करके नगरीय विकास मंत्री को भिजवाया, जिसे मंत्री ने आज अप्रूवल दे दी।
इसलिए किया था सौम्या गुर्जर को निलंबित
4 जून को नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में एक बैठक के दौरान नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ बदसलूकी होने के मामले में सरकार ने मेयर को निलंबित किया था। आयुक्त ने अपने संग हुई बदसलूकी के मामले में मेयर सौम्या गुर्जर के साथ पार्षद पारस जैन, अजय चौहान, रामकिशोर प्रजापत और शंकर शर्मा की शिकायत की थी। इसके बाद सरकार ने इन सभी को निलंबित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला
सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर और उनकी पार्टी भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस केस में कोर्ट ने सुनवाई की अगली डेट 7 दिसंबर दी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में तीन बार सुनवाई हो गई, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ। तीसरी बार जब सुप्रीम कोर्ट मे सुनवाई थी तब गुर्जर की तरफ से केस की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी किसी कारण से सुनवाई में नहीं पहुंच सके, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 7 दिसंबर की डेट दी है।
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