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डाउनलोड करेंराजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आरएएस 2018 की परीक्षा की कॉपी दिखाने की प्रक्रिया जारी है। 2018 में हुए इस एग्जाम की कॉपी चार साल बाद जनवरी 2022 में दिखाई जा रही है। हालांकि यह भर्ती परीक्षा न्यायालय में जाने से देर से हुई, लेकिन आरपीएससी की अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी ज्यादातर देरी हो रही है। भास्कर ने आरपीएससी की 30 से अधिक छोटी व बड़ी भर्तियों के नोटिफिकेशन जारी होने से लेकर परिणाम आने में लगने वाले वक्त पर रिसर्च की ताे पाया कि इन भर्तियों में औसतन डेढ़ से दो साल का समय लगा है। अधिक पदों वाली भर्तियों में तो तीन से चार साल लगे। इस देरी से कई उम्मीदवार ओवरएज होने के कारण परीक्षा का अतिरिक्त अटैम्प्ट खो देते हैं। वहीं उनका सरकारी नौकरी पाने का सपना भी टूट जाता है।
कई भर्तियों में रिक्रूटमेंट नोटिफिकेशन एक साल तक रिवाइज्ड होते रहे हैं। कुछेक में रिजल्ट जारी करने का प्राेसेस ही लंबा चलता रहा। पांच पदों के लिए आयोजित विधि रचनाकार की छोटी परीक्षा का परिणाम भी जारी करने में दस माह लग गए। इसका रिक्रूटमेंट नोटिफिकेशन 13 जनवरी 2021 में जारी हुआ। परिणाम 29 अक्टूबर को आया। ऐसा ही अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी हुआ। दूसरी ओर, बड़ी और अधिक पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षाएं अधिक उम्मीदवारों के कारण कोर्ट में जाती रही हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आयोग अपनी कार्यप्रणाली में कोई कमी नहीं रखे तो भर्तियां कोर्ट में नहीं जाएंगी। कोर्ट में जाने पर भी आयोग को अपनी पैरवी मजबूती से करनी चाहिए, ताकि जल्द से जल्द मामले का निस्तारण हो और भर्तियां जल्द से जल्द पूूरी हों।
विवादों के कारण भी नोटिफिकेशन होते रहे रिवाइज
एक उम्मीदवार का रिजल्ट भी जारी किया
सीनियर टीचर ग्रेड-2016 सहित अन्य भर्तियां भी रहीं, जिनका कोर्ट केस के कारण एक उम्मीदवार का रिजल्ट भी जारी हुआ। कई परीक्षाएं विषयवार हुईं। इनके परिणाम एक-एक साल तक जारी हुए। नोटिफिकेशन का बार-बार रिवाइज होना भी देरी का बड़ा कारण रहा। परीक्षा की तारीख तय होने के छह माह बाद तक परीक्षा आयोजन हुआ, पर परिणाम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
60 दिन से कम समय में ही आरएएस प्री-2021 का रिजल्ट आया। आखिरी नोटिफिकेशन सितंबर 21 में रिवाइज हुआ, नवंबर में रिजल्ट आया।
यूपी और एमपी में समय पर परीक्षाएं
हिंदी भाषी राज्यों की बात की जाए तो मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में वहां के पब्लिक सर्विस कमीशन समय पर परीक्षा करवाने व रिजल्ट समय पर देने में राजस्थान से आगे हैं। वहीं बिहार में अब स्थितियां पहले से बेहतर हैं। इस कारण इन प्रदेशों के उम्मीदवारों को समय पर नौकरी मिल जाती है।
आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ से भास्कर की बातचीत
सवाल:- समय पर भर्तियां क्यों नहीं हो पा रही हैं?
जवाब:- देरी होने के कई कारण होते हैं। विभाग से देरी से भर्ती मिलने पर विज्ञाप्ति में देर होती है। विज्ञापन रुल्स होते हैं। कुछ रुल पुराने हैं, कुछ संशोधित। इसलिए कई बार मामला लिटिगेशन में चला जाता है। डबल बैंच व सुप्रीम कोर्ट में आरपीएससी केसेज जीतती है, पर इसमें समय लगता है।
सवाल:- रिक्रूटमेंट में देरी से क्या असर पड़ता है। मामले लिटिगेशन में न जाएं, इसके लिए क्या कर रहे हैं?
जवाब:- देरी से भर्तियां होने पर उम्मीदवारों का उत्साह और ऊर्जा कम होती है। वहीं समय पर नौकरी मिलने से युवा उत्साह के साथ काम करते हैं। हालांकि, कई बार कुछ उम्मीदवार गुमराह भी हो जाते हैं। आयोग ने ग्रेवंस रिअड्रेसल कमेटी बनाई है। कोई छात्र गांव में है, वह आयोग नहीं आ सकता तो भी वह ऑनलाइन ग्रेवंस दर्ज करा सकता है। फिर भी अगर वह संतुष्ट नहीं है, तो प्री-लिटिगेशन कमेटी भी बनाई गई है।
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