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डाउनलोड करेंकोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया में दहशत फैला दी है। राजस्थान सरकार भी कोरोना के इस नए वैरिएंट से बचने के लिए अलर्ट पर आ गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को वैक्सीनेशन पर फोकस करने के लिए कहा है।ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगाने और जिन लोगों को दूसरी डोज नहीं लगी है, उन्हें दूसरी डोज लगाने निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 28 हजार बेड तैयार कर लिए गए हैं और बच्चों के लिए 2600 आईसीयू बेड तैयार किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का यह स्ट्रेन बहुत ज्यादा संक्रामक है। यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले 5 गुना ज्यादा संक्रामक है। अगर ये वैरिएंट भारत में आता है तो तीसरी लहर का कारण बन सकता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई एक रिव्यू बैठक में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा था कि यह वैरिएंट वैक्सीन की दोनों डोज लगा चुके लोगों के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
1070 मीट्रिक टन ऑक्सीजन जनरेशन की तैयारी
राजस्थान में कोरोना का अगर नया वैरिएंट आता है तो इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। सरकार इस बार रोज 1070 मीट्रिक टन ऑक्सीजन जनरेशन की योजना बना रही है। इसके लिए पूरे स्टेट में 550 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं। मौजूदा समय में 415 प्लांट लग चुके है और 15 दिसंबर तक 475 प्लांट शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा 40 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का बैकअप भी तैयार किया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर में राज्य में अधिकतम एक दिन में 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत हुई थी।
मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी तक ऑक्सीजन बेड
हेल्थ डिपार्टमेंट के सचिव वैभव गालरिया की ओर से हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें पूरे प्रदेश में 28 हजार ऑक्सीजन सपोर्ट के बेड्स तैयार करने की बात कही है। ये बेड्स प्रदेश के प्रमुख मेडिकल कॉलेज से जुड़े हॉस्पिटल के अलावा जिला हॉस्पिटल, उपजिला हॉस्पिटल, सैटलाइट हॉस्पिटल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) में है। पीएचसी में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड के बजाए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर या सिलेंडर से ऑक्सीजन मरीज काे देने की व्यवस्था की गई है।
3 हजार से ज्यादा आईसीयू, वेंटिलेटर सपोर्ट के बेड
हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक ऑक्सीजन सपोर्ट बेड्स के अलावा सभी हॉस्पिटल में कुल मिलाकर 3 हजार से ज्यादा आईसीयू और वेंटिलेटर सपोर्ट के बेड्स तैयार किए गए है। वहीं तीसरी लहर में इस बार बच्चों पर ज्यादा खतरा होने की आशंका काे देखते हुए NICU, PICU बेड्स की संख्या को भी बढ़ाया गया है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों की स्थिति देखें तो PICU 1109 और NICU 1460 बेड्स कैपेसिटी करने की तैयारी की जा रही है, यह आईसीयू दिसंबर में तैयार हो जाएंगे।
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